कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर काम पर नही गए है तो वो अनुपस्थित माने जायेंगे। कानून अपने हिसाब से काम करेगा। एम्स डॉक्टर संघ ने इस पर कहा कि हमें परेशान किया जा रहा है। हम प्रदर्शन पर थे। सीजेआई ने कहा कि आप अगर ड्यूटी पर हैं तो ठीक, अगर नहीं हैं तो कानून अपना काम करेगा। आप पहले काम पर वापस आइये। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए। हमनें एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई है। डॉक्टर को ड्यूटी ज्वाइन करनी चाहिए लोग उनका इंतजार कर रहे हैं।
डॉक्टर ड्यूटी पर लौटैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई न की जाए
चीफ जस्टिस ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना जरूरी है। अस्पतालों के हेड भी डॉक्टर्स हैं और वो उनकी समस्याओं और मुद्दों पर साथ हैं। लेकिन अगर डॉक्टर काम पर वापस नहीं लौटे तो सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का ढांचा चरमरा जाएगा। पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने भी अपनी परेशानी बतायी। सीजेआई ने कहा कि आप लोग काम पर लौटें। हम एक सामान्य आदेश देंगे। आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर ड्यूटी पर लौटैं तो उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाए। एसजी ने कहा कि इस अदालत के आश्वासन से डॉक्टरों को संतुष्ट होना चाहिए।
Supreme Court says let the health professionals return to work and once they return to duties the court will prevail upon authorities to not take adverse action.
Supreme Court says how would the public health infrastructure function if doctors did not return to work.
— ANI (@ANI) August 22, 2024
कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने फिर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की। सीजेआई ने कहा-एक बार जब डॉक्टर काम पर लौट आएं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हमारा जनरल आदेश तभी लागू होगा। सीजेआई ने कहा कि इस व्यापक आधार वाली राष्ट्रीय टास्क फोर्स इसीलिए है कि रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी हितधारकों से परामर्श किया जाएगा। इसलिए उनकी बात सुनी जाएगी।
सीजेआई ने कही ये भी बातें
सीजेआई ने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ के प्रतिनिधियों को टास्क फोर्स सुनेगी। उनकी राय लेगी। सभी पक्षों की राय ली जाएगी। यह बहुत जरूरी है। दिल्ली मेडिकल संघ ने कहा कि हमने इसी मसले पर दो साल पहले जनहित याचिका दायर की थी। सीजेआई ने कहा कि जिन संघों की ओर से आवेदन राय देने को दाखिल किया गया है। मेरा कहना ये है कि टास्क फोर्स इस पर रिपोर्ट तैयार करेगी। वही प्रस्तुतियों पर गौर करेगी।
सीजेआई बोले-मैं भी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं
सीजेआई ने कहा कि सार्वजनिक अस्पताल में मैं भी जमीन पर सोया हूं, जब एक रिश्तेदार बीमार थे। हम जानते हैं कि डॉक्टर 36 घंटे काम कर रहे हैं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार थे।
डॉक्टर संघों की तरफ से दी गई ये दलील
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि हम 110 साल पुरानी एसोसिएशन हैं। सीजेआई ने कहा कि क्या हम कुछ सुझाव दे सकते हैं। यदि आप सभी विभिन्न बॉडी के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं तो नामों और प्रतिनिधित्व करने वाले निकाय की एक पर्ची दे सकते हैं तो हम इसे क्रम में रखेंगे और हम कहेंगे कि टास्क फोर्स सभी के साथ जुड़ने के लिए कदम उठाए।
नागपुर एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टर ने अर्जी दाखिल कर कहा गया कि विरोध के कारण अब उनपर हमला हो रहा है। उन्हें परीक्षा भी नही देने दिया जा रहा है। सीजेआई ने कहा कि अगर डॉक्टर डियूटी पर है तो उन्हें अनुपस्थित नही माना जाएगा। लेकिन अगर वो डयूटी पर नही है तो कानून का पालन किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नही करेगा। उसके बाद कोई परेशानी होती है तो कोर्ट आ सकता है।
कोर्ट ने कहा हमें कई ईमेल भी मिले हैं
कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर अपने काम पर वापस लौटे। अगर काम पर वापस नहीं लौटते है तो सार्वजनिक प्रशासनिक ढांचा कैसे चलेगा। ANF में डॉक्टर शामिल होंगे। क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर को आश्वस्त करें कि उनकी बात नेशनल टास्क फोर्स द्वारा सुनी जाएगी। सीजेआई ने कहा कि हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं जिसमे कहा गयाहै कि उनके उपर बहुत प्रेशर है। 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है।