पश्चिम बंगाल में एक अस्पताल ऐसा भी है जहां पर इलाज के लिए भर्ती कराए गए मरीज लगातार गायब होते जा रहे हैं. अस्पताल प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है. लापता मरीजों की यह संख्या लगातार दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. महज 7 दिनों में ही 121 मरीज अस्पताल से गायब हो गए.
बात राज्य के पश्चिमी मेदिनीपुर के मेदिनीपुर अस्पताल की हो रही है. ‘फरारों’ की संख्या आंकड़ों के मुताबिक, पिछले मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से पिछले 7 दिनों में 121 मरीज लापता हो चुके हैं. खास बात यह है कि अकेले सोमवार को 20 मरीज लापता हो गए.
गायब मरीजों का इमरजेंसी विभाग में चल रहा इलाज
अस्पताल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, लापता होने वाले ज्यादातर मरीजों का इलाज मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेल मेडिसिन इमरजेंसी विभाग में चल रहा था. लापता मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.
अस्पताल के प्रभारी सुविधा प्रबंधक दिलीप कुमार पालामल ने मरीजों के गायब होने की घटना स्वीकार की है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को लेकर पहले ही एक कमेटी बनाई जा चुकी है. हमें उम्मीद है कि अगस्त में इसकी संख्या पूरी तरह से कम कर दी जाएगी.
BJP ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया आरोप
पिछले 8 दिनों में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लापता मरीजों की की संख्या बढ़कर 130 तक पहुंच गई है. तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुजॉय हाजरा ने कहा कि प्रशासन को पूरे मामले पर गौर करना चाहिए कि मरीज क्यों भाग जा रहे हैं.
जबकि इस मसले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी हमलावर है. पार्टी के जिला प्रवक्ता अरूप दास ने मामले की शिकायत की है कि अस्पताल में ठीक से इलाज ही नहीं किया जा रहा है इसलिए मरीज वहां से चले जा रहे हैं.
अस्पताल से जुड़े सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि मरीज अस्पताल के नियमों के मुताबिक डिस्चार्ज हुए बगैर ही वहां से चले जा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें ‘भगोड़े’ के तौर पर पुलिस में शिकायत दर्ज करानी पड़ रही है.