पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर यानी डूरंड लाइन पर हालात बेहद खराब हो गए हैं। तालिबानी लड़ाके डूरंड लाइन पार कर पाकिस्तान में घुसकर चौकियों पर हमला कर रहे हैं, तो जवाब में पाकिस्तानी सेना भी अफगानिस्तान के भीतर हमले कर रही है। इस बीच, पाकिस्तान-अफगानिस्तान (तालिबान) की लड़ाई के बीच, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तान की कई सैन्य चौकियों पर कब्जे कर लिए हैं। पाकिस्तानी फौजी चौकियों पर तालिबान लड़ाकों के कब्जे के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
ये वीडियो पाकिस्तानी सीमा के अंदर बाजौर का है, जहाँ की सैनिक चौकी पर टीटीपी लड़ाकों ने कब्जा कर लिया और उस पर अपना झंडा लहरा दिया। यहाँ से पाकिस्तानी फौजी भाग खड़े हुए, वो टीटीपी हमले के सामने टिक नहीं सके। ऐसे हालात सिर्फ बाजौर की सैन्य चौकी तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान की सैनिक चौकियों से भी पाकिस्तानी फौजियों के भागने की खबरें हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में टीटीपी लड़ाके पाकिस्तानी सेना की बाजौर पोस्ट से झंडा हटाकर अपना झंडा फहराते दिख रहे हैं।
पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने पाकिस्तानी फौजियों की चौकियों पर पाकिस्तानी तालिबानी कब्जे का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि पाकिस्तानी फौज देश के अंदर जुल्म ढाने और राजनीति करने में व्यस्त है, इसीलिए उसे बार-बार मुँह की खानी पड़ रही है।
हालाँकि, पाकिस्तानी सेना ने सफाई देते हुए कहा कि चौकी पहले ही खाली कर दी गई थी। वो तो यह भी कह रही है कि उसके हमले में बॉर्डर पार अफगानिस्तान की तरफ 8 लोगों की मौत हो गई। ये अलग बात है कि उसने फ्रंटियर फोर्स के एक फौजी के मारे जाने की बात स्वीकारी है।
🔴 #BREAKING New viral videos of Pakistani Taliban taking over a military checkpost in #Bajaur. Such repeated failures happen mainly because #PakistanArmy is too busy playing politics & oppressing citizens of the country while not doing its actual job on the borders of Pakistan pic.twitter.com/7vt2KzCEHq
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) December 30, 2024
दरअसल, ये हमले तब से शुरू हुए, जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अफगानी सीमा के अंदर घुसपर एयर स्ट्राइक की थी और कई लड़ाकों को मार दिया था, जिसके बाद तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तानी चौकियों पर हमले बोल दिए। इसके बाद वापस पाकिस्तान ने हमले किए, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई। इसी बीच ये वीडियो सामने आए हैं, जिसमें टीटीपी लड़ाके पाकिस्तानी फौजी चौकियों पर हमले कर रहे हैं। उनका साथ अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालीबानी लड़ाके दे रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान के पास एक लाख पचास हजार सक्रिय लड़ाके हैं और वह आधुनिक हथियारों से लैस हैं। पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में छिपकर हमला करने की उनकी क्षमता पाकिस्तानी सेना को चकमा दे रही है। पाकिस्तान की सेना न केवल तालिबान के साथ संघर्ष में असफल हो रही है, बल्कि आंतरिक समस्याओं से भी जूझ रही है। बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन, आर्थिक संकट और चीन के सीपैक प्रोजेक्ट में देरी ने सेना और सरकार की स्थिति और कमजोर कर दी है। बता दें कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने लंबे समय तक तालिबान को समर्थन दिया, लेकिन अब वो पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन चुका है।
विवाद की वजह अंग्रेजों की खींची सीमा रेखा
1893 में ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच खींची गई डूरंड लाइन आज भी विवाद का कारण बनी हुई है। डूरंड लाइन 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा है जो पश्तून इलाकों को विभाजित करती है। ब्रिटिश राज के समय, इसे भारत और अफगानिस्तान के बीच एक बफर जोन के रूप में बनाया गया था। लेकिन अफगान जनता और तालिबान ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया।
तालिबान इसे ‘काल्पनिक सीमा’ कहता है और दावा करता है कि यह इलाका अफगानिस्तान का हिस्सा है। इतना ही नहीं, तालिबान ने पाकिस्तान के कई इलाकों को अपना बताया है, जिसमें पेशावर तक शामिल है। यही नहीं, तालिबान ने पाकिस्तान पर इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) के आतंकवादियों को शरण देने का भी आरोप लगाया है। यह विवाद पाकिस्तानी सेना और तालिबान के बीच तनाव को और बढ़ा रहा है।