देश दुनिया में कोरोना को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं। दरअसल इस बार कोरोना का एक और नया वैरिएंट BA.2.86 चर्चा का विषय बना हुआ है।
वहीं इससे पहले भी कोरोना का एक और नया वैरिएंट एरिस EG.5.1 चर्चाओं में था। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में इसे अधिक संक्रामकता वाला बताते हुए सभी लोगों को संक्रमण से बचाव को लेकर अलर्ट किया है। भारत में भी इस वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। UK सहित कई देशों में इसके कारण पिछले दिनों तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा भी देखा गया है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण एजेंसी ने नए कोरोना वायरस BA.2.86 की खोज की है। इसके साथ ही इसे लेकर लोगों को भी अलर्ट कर दिया है।
कई देशों में दर्ज हुए BA.2.86 के मामले
US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड के एक नए स्ट्रेन BA.2.86 के बारे जानकारी मिली है। इजराइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में इसके मामले सामने आए हैं।
CDC ने कहा कि इस नए वैरिएंट को BA.2.86 नाम दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि CDC इस नए वैरिएंट को लेकर अधिक जानकारी एकत्र कर रहा है और जैसे ही हमें इसके बारे में पता चलेगा हम और अधिक जानकारी लोगों से भी साझा करेंगे। शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि यह कोरोना के अत्यधिक म्यूटेटेड वर्जन्स में से एक हो सकता है।
CDC विशेषज्ञों ने कहा कि हम वायरस के इस नए स्ट्रेन की प्रकृति पर नजर रख रहे हैं। यह बिल्कुल नया वैरिएंट है यही कारण है कि अब तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। इसके बारे में समझने के लिए कई शोध किए जा रहे हैं।
‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’
CDC प्रवक्ता कैथलीन कॉनली ने कहा कि पहले की तुलना में अब हम कोरोना के नए वैरिएंट्स का पता लगाने के लिए अधिक तैयार हैं। हमें कोरोना के एक और नए वैरिएंट के बारे में पता चला है। इस वैरिएंट में अधिक म्यूटेशन देखे गए हैं, यानी की इससे संक्रामकता और जोखिम अधिक हो सकता है। इस खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यएचओ) ने इसे ‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
इससे पहले हाल ही में कई देशों में संक्रमण को तेजी से बढ़ाने वाले एरिस वैरिएंट की तुलना में इसमें म्यूटेशंस की संख्या अधिक बताई जा रही है। कुछ ही देशों में इसके मामले सामने आए हैं।
WHO के अनुसार, SARS-CoV-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस) सहित सभी वायरस, समय के साथ बदलते रहते हैं। अधिकांश परिवर्तनों का वायरस के गुणों पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
WHO has designated #COVID19 variant BA.2.86 as a ‘variant under monitoring’ today due to the large number of mutations it carries.
So far, only a few sequences of the variant have been reported from a handful of countries.
🔗 https://t.co/3tJkDZdY1V
— World Health Organization (WHO) (@WHO) August 17, 2023
हालाँकि, कुछ परिवर्तन वायरस के गुणों को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि यह कितनी आसानी से फैलता है, संबंधित रोग की गंभीरता या टीकाकरण और या फिर चिकित्सीय दवाएं किस तरह काम करती हैं, इस पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में, WHO ने कहा कि इस कोविड-19 वैरिएंट BA.2.86 में तेजी से हो रहे म्यूटेशन और इसके फैलने की रफ्तार को समझने के लिए और अधिक डेटा की जरूरत है, लेकिन इसके साथ ही इसके म्यूटेशन की संख्या पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
एजेंसी ने कहा, WHO इस समय 3 वैरिएंट और निगरानी के तहत 7 वैरिएंट पर नजर रख रहा है। WHO लगातार कोविड-19 की बेहतर निगरानी, अनुक्रमण और रिपोर्टिंग का आह्वान कर रहा है क्योंकि यह वायरस लगातार फैल रहा है और विकसित हो रहा है।
कैसे फैल रहा है ये नया वैरिएंट?
वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल इस नए वैरिएंट के बारे में कुछ भी जल्दबाजी होगी।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का कहना है कि BA.2.86 से उत्पन्न होने वाले खतरे को समझने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है, लेकिन जिस तरह से इस नए वैरिएंट में म्यूटेशनों की संख्या ज्यादा है, इसके कारण इसकी संक्रामकता और गंभीरता दोनों अधिक होने की भी आशंका है।
पहले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक म्यूटेशन
प्रारंभिक शोध में पाया गया है कि साल 2021 में सामने आए मूल ओमिक्रॉन वैरिएंट की तुलना में इस नए स्ट्रेन में दर्जनों म्यूटेशन हो रहे हैं।
इस तरह के बदलाव संकेत देते हैं कि पहले के वैरिेंएंट्स की तुलना में इस नए स्ट्रेन के कारण अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं।
फ्रेड हच कैंसर सेंटर के जीवविज्ञानी जेसी ब्लूम कहते हैं कि डीप म्यूटेशनल स्कैनिंग से संकेत मिलता है कि BA.2.86 वैरिएंट ओमिक्रॉन का सबसे अधिक म्यूटेशनों वाला वैरिएंट हो सकता है। ब्लूम ने कहा कि BA.2.86 में XBB.1.5 वैरिएंट की तुलना में 36 म्यूटेशन हैं।
एरिस वैरिएंट
कुछ हफ़्ते पहले, एरिस वैरिएंट या EG.5 को अमेरिका में कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार माना गया था। ओमिक्रॉन वैरिएंट के इस नए स्ट्रेन के कारण ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई थी। इसे 31 जुलाई को यूके में वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
UK की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी या UKSHA के अनुसार, यह वर्तमान में दूसरा सबसे प्रचलित स्ट्रेन है।
कोविड के लक्षण
अब तक, कोरोना के कोई नए लक्षण सामने नहीं आए हैं। लोगों में खांसी, छींक, सिरदर्द, बंद नाक की समस्या लगातार देखी जा रही है।
चूंकि इन नए वेरिएंट्स में संचरण क्षमता अधिक है, इसलिए स्वास्थ्य एजेंसियों ने लोगों को जल्द से जल्द कोविड टेस्ट कराने का आग्रह किया है। ब्रिटेन में इस उछाल के पीछे खराब मौसम को भी कारण बताया जा रहा है।