लाल सागर में एक अमेरिकी वॉरशिप और कुछ कमर्सियल शिप पर अटैक का मामला सामने आया है. वॉरशिप और कमर्शियल शिप पर ड्रोन के जरिए निशाना बनाया गया. इसे एक बड़ी घटना के तौर पर भी देखा जा रहा है. बता दें कि इजरायल ने इसे हौती विद्रोहियों से जोड़ा है. हालांकि अभी पेंटागन सीधे तौर पर कुछ कहने से बच रहा है. हौती के कंट्रोल वाले यमन से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइलों से लाल सागर में तीन वाणिज्यिक जहाज़ों पर हमला किया गया और एक यू.एस. घंटों तक चले हमले के दौरान आत्मरक्षा में युद्धपोत ने तीन ड्रोन मार गिराए. अमेरिकी सेना के मुताबिक हमले की जिम्मेदारी हौती विद्रोहियों ने ली थी जिन्हें ईरान का समर्थन हासिल है.
इन हमलों ने मध्यपूर्व में इजरायल हमास युद्ध से जुड़े समुद्री हमलों में और इजाफा हो सकता है. लड़ाई के बीच पहली बार कई जहाजों ने हौती विद्रोहियों के हमलों की जद में आ गए. यू.एस. सेंट्रल कमांड ने कहा कि ये हमले “अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य और समुद्री सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैंय उन्होंने दुनिया भर के कई देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है. इसमें कहा गया है कि तीन वाणिज्यिक जहाज और उनके चालक दल 14 देशों से जुड़े हुए हैं.सेंट्रल कमांड ने कहा कि हमारे पास यह मानने का हर कारण है कि यमन में हौथियों द्वारा शुरू किए गए ये हमले पूरी तरह से ईरान द्वारा सक्षम हैं. सभी उचित प्रतिक्रियाओं पर विचार करेंगे,कार्नी, एक आर्ले बर्क-श्रेणी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, पहले ही युद्ध में हौथिस द्वारा इज़राइल की ओर दागे गए कई रॉकेटों को मार गिरा चुका है. किसी भी घटना में यह क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है और इसमें सवार किसी के घायल होने की भी सूचना नहीं है.