अमेरिका के यूटा राज्य के स्पैनिश फोर्क शहर स्थित इस्कॉन श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर पर हुआ हमला केवल एक धार्मिक संरचना पर हमला नहीं, बल्कि पांथिक सहिष्णुता और बहुसांस्कृतिक समाज की आत्मा पर गहरी चोट है। 1 जुलाई की रात कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने मंदिर परिसर को निशाना बनाते हुए लगभग 20 से 30 गोलियां चलाईं, जिससे मंदिर की दीवारों, खिड़कियों और विशेष रूप से हाथ से नक्काशी की गई ऐतिहासिक मेहराबों को भारी क्षति पहुंची है। घटना के वक्त मंदिर परिसर में श्रद्धालु और अतिथि मौजूद थे, जिससे समुदाय में भय और आक्रोश का माहौल बन गया। इससे पहले 18 जून और 20 जून को भी इसी मंदिर पर गोली चलने जैसी संदिग्ध घटनाएं हुई थीं, लेकिन उन्हें शुरू में हल्के में लिया गया। अब यह साफ हो चुका है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश है। हमलावरों ने रात के अंधेरे में बार-बार मंदिर को निशाना बनाकर यह जताने की कोशिश की है कि वे हिंदू उपासना स्थलों के अस्तित्व को चुनौती देना चाहते हैं।
इस हमले ने अमेरिका में बसे हिंदू समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामुदायिक केंद्र भी है, जहां प्रवासी भारतीय अपने त्योहार, धार्मिक आयोजन और सामाजिक गतिविधियां मनाते हैं। विशेष रूप से वार्षिक होली महोत्सव के लिए यह मंदिर विश्वविख्यात है।
भारत सरकार ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए अमेरिका से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने स्पष्ट किया कि वह अमेरिका में रहने वाले सभी श्रद्धालुओं के साथ खड़ा है और स्थानीय प्रशासन से इस घृणित कृत्य के दोषियों को शीघ्र दंडित करने की अपील करता है। अमेरिकी पुलिस ने इसे अभी “वैंडलिज़्म” यानी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला माना है और गोलियों के खोल बरामद कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि इसे संभावित “हेट क्राइम” (घृणा अपराध) के रूप में भी देखा जा रहा है।
यह घटना अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों की एक चिंताजनक कड़ी है। 2022 से अब तक कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, सैक्रामेंटो, और अब यूटा जैसे राज्यों में कई मंदिरों को निशाना बनाया गया है। “Hindus go back”, “India out” जैसी घृणित नारेबाजी कर दीवारों को अपवित्र किया गया है, जो हिंदुओं के प्रति बढ़ती असहिष्णुता और कट्टरपंथियों की हिमाकत को दर्शाता है। मार्च 2025 में कैलिफोर्निया के स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तानी नारों की दीवार पर लिखाई इसका ताजा उदाहरण है।
इन सबके बावजूद इस्कॉन समुदाय ने संयम, विवेक और शांति का परिचय दिया है। मंदिर प्रशासन और भक्तों ने साफ कहा है कि वे इस तरह की हिंसा और आतंक के आगे नहीं झुकेंगे। Coalition of Hindus of North America (CoHNA), स्वामीनारायण संस्था, और अन्य हिन्दू संगठनों ने भी खुलकर हमले की निंदा करते हुए इसे अमेरिका में हिंदू-विरोधी मानसिकता का विस्तार बताया है।
इस पूरे प्रकरण में अब यह जरूरी हो गया है कि अमेरिकी प्रशासन न केवल इस घटना को गंभीरता से ले, बल्कि ऐसी घटनाओं को हेट क्राइम की श्रेणी में रखकर त्वरित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही, वैश्विक समुदाय को भी इस तरह के धार्मिक हमलों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने की आवश्यकता है, ताकि विश्व भर में किसी भी धर्म या समुदाय के उपासना स्थलों की पवित्रता और सुरक्षा बनी रह सके।
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