प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें व्यापार, रक्षा, आतंकवाद और बांग्लादेश की स्थिति शामिल रही। ट्रंप ने पीएम मोदी को एक ‘टफ नेगोशिएटर’ बताया और कहा कि बांग्लादेश के मामले को भारत ही संभालेगा।
बांग्लादेश का मुद्दा
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की ‘डीप स्टेट’ का वहां कोई हाथ नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश के हालात प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में हैं, जिससे संकेत मिलता है कि भारत को इस मामले में स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने का विकल्प दिया जा सकता है। इस दौरान बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ वाशिंगटन डीसी में प्रदर्शन हुए, जिसमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की गई।
#WATCH | Washington, DC | PM Narendra Modi says, "India and America have been together in the fight against terrorism. We agree that solid action must be taken to eliminate terrorism that originates on the other side of the border. I am thankful to the president that he has… https://t.co/8eXAFXqCvJ pic.twitter.com/PF9PLo1786
— ANI (@ANI) February 13, 2025
आतंकवाद पर सख्त रुख
26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की ट्रंप द्वारा घोषणा एक बड़ा कूटनीतिक कदम है। यह भारत-अमेरिका के आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करता है। पीएम मोदी ने इस फैसले के लिए ट्रंप का आभार जताया और कहा कि भारत और अमेरिका सीमा पार आतंकवाद के खात्मे के लिए साथ खड़े रहेंगे।
व्यापार और रक्षा सहयोग
दोनों देशों ने व्यापार को 2030 तक दोगुना कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। ट्रंप ने भारत को F-35 लड़ाकू विमान देने की घोषणा की और यह भी कहा कि अमेरिका भारत के लिए प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बनेगा।
नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक क्षमता की सराहना
ट्रंप ने पीएम मोदी के वार्ताकार कौशल की तारीफ करते हुए कहा कि वह उनसे कहीं बेहतर वार्ताकार हैं। उन्होंने मोदी को ‘पुराना और बेहतरीन दोस्त’ बताया।
भारत-अमेरिका संबंधों में नया अध्याय
यह यात्रा दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकेत देती है, खासकर बांग्लादेश, आतंकवाद, और व्यापार को लेकर दोनों नेताओं के बयानों से यह स्पष्ट है कि भारत को एक निर्णायक वैश्विक भूमिका दी जा रही है।