अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक पत्र लिख कर सहयोग जारी रखने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने इस बात जोर दिया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिहाज से अहम हैं. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि पिछले कई वर्षों में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ बाइडेन का यह पहला आधिकारिक पत्राचार था.
रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ बातचीत न करने की परंपरा को आखिरकार तोड़ दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने न तो कभी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और न ही अप्रैल 2022 में उनके बाद पीएम बनने पर शरीफ से कभी बात की.
यूएस एंबेसी ने शेयर का पत्र
अमेरिकी दूतावास की तरफ से शेयर किए गए पत्र में कहा गया, ‘हमारे लोगों और दुनिया भर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारे राष्ट्रों के बीच स्थायी साझेदारी महत्वपूर्ण है और अमेरिका मौजूदा समय की सबसे गंभीर वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा.’
पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है ये चिट्ठी?
यह पत्र पाकिस्तान के लिए विशेष अहमियत रखता है. दरअसल पिछले कुछ वर्षों से व्हाइट हाउस के साथ इस्लामाबाद के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. अफगानिस्तान से इंटरनेशनल फोर्सेज की वापसी के बाद अमेरिका-पाक संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं.
अपने कार्यकाल के दौरान, पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने अविश्वास मत के माध्यम से उन्हें पद से हटाने के लिए पाकिस्तान की सेना के साथ मिलकर वाशिंगटन पर साजिश रचने का आरोप लगाया था.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक हालांकि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के बाद पाकिस्तान अब अमेरिका के लिए प्राथमिकता नहीं है, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी कोशिशों के मामले में दक्षिण एशियाई राष्ट्र महत्वपूर्ण बना हुआ है.
अमेरिकी नागरिक नेताओं का हाल के वर्षों में पाकिस्तान के प्रति उदासीन रवैया रहा है, हालांकि अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान अभी भी पाकिस्तान के साथ कामकाजी संबंध चाहते हैं. अमेरिकी सीनेट समितियों के समक्ष हाल की कुछ गवाही में, यूएस सेंटकॉम प्रमुख माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान के महत्व पर जोर दिया और कहा कि अमेरिका को अपनी योग्यता के आधार पर इस्लामाबाद के साथ संबंधों को देखना चाहिए.
इस पत्र के आने का यह भी इशारा है कि चुनाव में धांधली आरोपों के बावजूद, अमेरिकी सरकार पाकिस्तान की नई सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है. बता दें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आम चुनाव को ‘धांधली’ करार दिया था.