राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश ही नहीं, दुनियाभर के राम भक्तों में उत्साह है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और अब सिर्फ 9 दिन ही बचे हैं. इस बीच, मॉरिशस से खबर आई है कि वहां 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए 2 घंटे का स्पेशल ब्रेक (Mauritius Special Break) दिया जाएगा. मॉरिशस में काम करने वाले सनातनी 2 घंटे के इस स्पेशल ब्रेक में प्राण प्रतिष्ठा का लाइव टेलीकास्ट देखेंगे और पूजा-अर्चना आदि कर सकेंगे. मॉरिशस सरकार के इस फैसले से वहां रहने वाले हिंदू बहुत खुश हैं. और कह रहे हैं कि 550 साल जब प्रभु श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान होंगे तो वो भी उस पल के साक्षी बनेंगे. स्पेशल ब्रेक में उत्सव मनाएंगे.
मॉरिशस सरकार ने दिया 2 घंटे का स्पेशल ब्रेक
बता दें कि मॉरिशस में हिंदू सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने सरकार से 22 जनवरी के दिन 2 घंटे का स्पेशल ब्रेक देने की मांग की थी. अब जब 2 घंटे का स्पेशल ब्रेक मिलने को मंजूरी मिल गई है तो मॉरिशस में रहने वाले हिंदू भी अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव देख पाएंगे और उत्सव मना पाएंगे.
मॉरिशस वाले भी मनाएंगे प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव
मॉरिशस सरकार की तरफ से बयान जारी करके कहा गया कि कैबिनेट ने 22 जनवरी को 2 घंटे का स्पेशल ब्रेक देने को मंजूरी दे दी है. हिंदू आस्था फॉलो करने वाले कर्मचारियों के लिए 22 जनवरी को दोपहर 2 बजे से 2 घंटे का ब्रेक होगा. इससे वह अयोध्या में हो रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और उत्सव में मॉरिशस में ही रहकर भाग ले पाएंगे.
मॉरिशस में 48.5 फीसदी हिंदू आबादी
गौरतलब है कि मॉरिशस में करीब 48.5 प्रतिशत लोग हिंदू हैं. मॉरिशस अफ्रीका महाद्वीप का अकेला ऐसा देश है, जहां हिंदू धर्म सबसे ज्यादा फॉलो किया जाता है. देश की आबादी के रेशियो के हिसाब से देखें तो भारत, नेपाल के बाद सबसे ज्यादा हिंदू मॉरिशस में ही रहते हैं.
मॉरीशस सरकार ने इसे ऐतिहासिक घटना बताया
मॉरीशस सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कैबिनेट ने हिंदू धर्म के सार्वजनिक अधिकारियों को सोमवार (22 जनवरी 2024) दोपहर 14 बजे से दो घंटे की विशेष छुट्टी देने पर सहमति व्यक्त की है। यह ब्रेक भारत के अयोध्या शहर में राम मंदिर के उद्घाटन के संदर्भ में दिया जा रहा है। यह एक ऐतिहासिक घटना है क्योंकि यह भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। 22 जनवरी को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.