चीन पिछले कुछ महीनों से लगातार ताइवान को धमका रहा है और बार-बार उसकी सीमा में अतिक्रमण कर रहा है। इसी कड़ी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने शनिवार को ताइवान के हवाई और जल क्षेत्र में 13 लड़ाकू विमान तथा 6 युद्धपोत भेजे। चीन ने अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन की संबंधों को सामान्य करने की कोशिशों के तहत बीजिंग यात्रा के बीच यह कदम उठाया। बता दें कि इसके पहले जब अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर आई थीं, तब भी चीन ने ऐसी ही हरकत की थी। उस घटना के बाद चीन और अमेरिका के रिश्ते और खराब हो गए थे।
जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है ताइवान
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह हवा और समुद्र से स्थिति पर नजर रख रहा है तथा भू आधारित मिसाइल सिस्टम जवाबी प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। मंत्रालय ने कहा कि 4 चीनी लड़ाकू विमान, 2 एसयू-30 लड़ाकू विमान, एक बीजेडके-005 टोही विमान और एक वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान, ताइवान जलडमरूमध्य में मध्य रेखा को पार कर गए और ताइवान के दक्षिण पश्चिमी हवाई रक्षा क्षेत्र में घुस गए। चीन कहता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है, जिसे मुख्य भूमि के साथ फिर से एकीकृत किया जाना चाहिए और यदि इसके लिए जरूरी हुआ, तो बल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
चीन की हरकतों से क्षेत्र में बढ़ रहा तनाव
पिछले कुछ समय से चीन नियमित रूप से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में लड़ाकू विमान भेज रहा है और स्व-शासित द्वीप के करीब युद्ध पोत तैनात कर रहा है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने येलेन की यात्रा से पहले गुरुवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर हेडक्वॉर्टर का दौरा किया था। अमेरिका ने ताइवान को बार-बार भरोसा दिलाता आया है कि चीन के साथ संघर्ष की स्थिति में वह उसके साथ खड़ा रहेगा।