फिल्म ‘ग़दर 2’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। अभिनेता सनी देओल स्टारर इस फिल्म की समीक्षाएँ भी आ चुकी हैं। बड़ी संख्या में दर्शकों ने भी इसे पहले दिन देखा है। फिल्म में निर्देशक अनिल शर्मा के बेटे उत्कर्ष शर्मा, अमीषा पटेल, मनीष वाधवा और सिमरत कौर सहायक किरदारों में हैं। फिल्म की कहानी और एक्टिंग परफॉर्मेंस पर हम बाद में बात करेंगे, क्योंकि इस पर तो काफी कुछ लिखा-सुना जा चुका है। इसीलिए, सीधे मुद्दे पर आते हैं।
अगर आप ये सोच कर ‘ग़दर 2’ देखने जा रहे हैं कि इसमें बॉलीवुड का जो ट्रेंड रहा है उससे कुछ हट कर है, तो आप निराश होंगे। इसमें भी कथित भाईचारे का सन्देश दिया गया है। हिंदुस्तान के मुस्लिम को पाकिस्तानी पीटते हैं। पाकिस्तान में कई ऐसे मुस्लिम हैं जो हिन्दुस्तानियों की मदद करते हैं। इनमें महिलाएँ भी हैं। ये लोग सीधे-सादे दिखाए गए हैं, जो ‘मानवता’ के नाते भारतीयों की मदद करते हैं और मजहब आड़े नहीं आता।
अगर आपको 2015 में आई फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ याद होगी तो आपको पाकिस्तान के ‘अच्छे मुस्लिमों’ के बारे में भी पता होगा। एक पत्रकार, जो हनुमान भक्त की मदद करता है। एक मौलवी, जो उसे पुलिस से बचाता है। उसी तरह ‘ग़दर 2’ में भी ऐसे किरदार हैं। एक दृश्य में सनी देओल कहते भी हैं कि अगर पाकिस्तानियों को भारत में रहने का मौका मिला तो आधा पाकिस्तान खाली हो जाएगा। ‘भाईचारा’ का सन्देश तो दिया गया है।
इसी तरह, सनी देओल के बेटे के किरदार में दिख रहे उत्कर्ष शर्मा पाकिस्तानी जनरल (मनीष वधावा) से कहते हैं कि उन्होंने शरीयत पढ़ी है और उनकी माँ (शकीना के किरदार में अमीषा पटेल) ने उन्हें कुरान भी पढ़ाया है। वो एक तरह से जताना चाहते हैं कि कुरान और शरीयत पाकिस्तानी कट्टरवादियों ने ठीक से नहीं पढ़ी, इसीलिए वो हिंसा करते हैं। जबकि विदेशों में कुरान जलाने वाले कहते हैं कि इसमें इस्लाम न मानने वालों की हत्या की बात कही गई है।
जहाँ तक शरीयत का सवाल है, इसके तहत अफगानिस्तान में महिलाओं को शिक्षा और नौकरी से वंचित कर दिया गया है। उन पर कोड़े बरसाए जाते हैं। शरीयत के हिसाब से भारत में भी मुस्लिमों के ‘पर्सनल लॉ’ हैं, जिसके तहत बेटियों को मृत पिता की संपत्ति में हिस्सा तक नहीं मिलता। ‘तीन तलाक’ जैसे महिला विरोधी नियम इसी कानून का हिस्सा थे, जिसे मोदी सरकार ने निरस्त किया। इसके तहत शौहर द्वारा 3 बार तलाक बोल या मैसेज में लिख तक देने से तलाक हो जाता था।
आज के समय में ‘अच्छा पाकिस्तानी मुस्लिम’ वाली थ्योरी शायद ही लोगों को पचे, क्योंकि राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल तेली की रेकी करने वाला उनका मुस्लिम पड़ोसी ही था, जिसके बाद उनका गला काट डाला गया था। महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या करने वाला उनका मुस्लिम दोस्त ही था, जिनकी उन्होंने मदद की थी कभी। थोड़ा पीछे जाएँ तो कश्मीर में BK गंजू नामक इंजीनियर की हत्या का कारण उनका मुस्लिम पड़ोसी ही था, जिसने उनके छिपने के ठिकाने के बारे में बता दिया और आतंकियों ने उन्हें मार डाला।
‘ग़दर 2’ में एक जगह सनी देओल डायलॉग बोलते हैं, “अगर रसूल का इस्लाम पढ़ा होता तो दुनिया ‘गजवा-ए-हिन्द’ नहीं, बल्कि ‘जज्बा-ए-हिन्द’ होती।” जबकि इस्लामी कट्टरपंथी गजवा-ए-हिन्द का स्रोत हदीथ को ही मानते हैं। हदीथ के बारे में कहा जाता है कि इसमें पैगंबर मुहम्मद और उनके परिवार की ही बातें हैं। एक बात है कि फिल्म में ‘गजवा-ए-हिन्द’ की चर्चा के बाद कम से कम लोग सर्च तो करेंगे इंटरनेट पर कि ये है क्या।
यहाँ भी संक्षेप में बता देना आवश्यक है। इस्लामी कट्टरपंथी मानते हैं कि हदीथ में वर्णन है कि मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों के बीच भारत में एक बड़ा युद्ध होगा। इसीलिए, ये इस्लामी कट्टरपंथी और आतंकी पूरे दक्षिण एशिया में इस्लाम के शासन, या खलीफा के शासन के लिए हिंसा करते हैं। भारत में इस्लामी आक्रांताओं को शासन करने में कई वर्ष लग गए थे। इसके बाद उन्होंने सैकड़ों वर्षों तक राज किया, लेकिन हिन्दू खत्म नहीं हुए। इसीलिए, वो मानते हैं कि जंग जारी है, बाकी है।