इजरायल और फिलिस्तीन की दुश्मनी दशकों पुरानी है. अब इस दुश्मनी में नया मोड़ आ गया है. यह मोड़ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक बयान से आया है. फिलिस्तीन को लेकर हमेशा आक्रामक रुख अपनाने वाले पीएम नेतन्याहू ने संकेत दिया कि वह सऊदी अरब से समझौते को हासिल करने के लिए फिलिस्तीनियों को कुछ रियायतें देंगे.
पीएम नेतन्याहू ने एक न्यूज़ वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि साऊदी अरब के साथ ऐतिहासिक समझौते को आगे बढ़ाने के रास्ते में राजनीतिक सवाल खड़े नहीं होने चाहिए. इंटरव्यू में नेतन्याहू ने अपनी गठबंधन सरकार के भीतर आंतरिक चुनौतियों का सामना करने का भी संकेत दिया. उन्होंने कहा कि हम अपने गठबंधन के सदस्यों को किसी भी समझौते में बाधा नहीं डालने देंगे.
‘फिलिस्तीन का मुद्दा शांति में बाधा नहीं बनना चाहिए’
नेतन्याहू ने कहा कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति है तो इजराइल और सऊदी अरब के बीच सामान्यीकरण और औपचारिक शांति मिलने की संभावना है. नेतन्याहू का रुख विदेश मंत्री एली कोहेन के उस बयान से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि फिलिस्तीन का मुद्दा शांति में बाधा नहीं बनना चाहिए. हमने इसे अब्राहम समझौते में भी साबित किया है. फिलिस्तीनी प्राधिकरण के क्षेत्रों में जीवन को बेहतर बनाने में हम सभी की दिलचस्पी है.
‘फिलिस्तीनियों को लेकर बंद कमरों में होती है बातचीत’
बता दें कि पीएम नेतन्याहू की टिप्पणी ने दो मध्य पूर्वी देशों के बीच राजनयिक संबंधों में संभावित सफलता का संकेत दिया है. नेतन्याहू ने यह भी संकेत दिया कि सउदी अरब इस बात पर ज्यादा जोर नहीं दे सकता कि फिलिस्तीनियों को समझौते से क्या लाभ होगा. इससे हमारी संभावित बातचीत के हितों के संतुलन पर सवाल उठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों को लेकर बातचीत बंद कमरों में होती है.
लंबे वक्त से सउदी से डील की मांग कर रहे नेतन्याहू
गौरतलब है कि पीएम नेतन्याहू लंबे वक्त से सउदी अरब के साथ सामान्यीकरण समझौते की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बार-बार इसे अपनी नई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बताया है. नेतन्याहू का मानना है कि इससे अरब-इजरायल संघर्ष और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष दोनों का अंत हो सकता है.