जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके मंत्रिमंडल ने आज अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद अब शिगेरु इशिबा जापान के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले हैं। हालांकि शिगेरू इशिबा सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के ही नेता हैं। वह पूर्व रक्षामंत्री भी रहे हैं। किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्रियों को भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोपों के चलते इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा है। जापान में अब नए प्रधानमंत्री का बनना और फिर नई सरकार का गठन भारत समेत पूरे एशिया में नया प्रभाव डालेगा। इसलिए शिगेरू इशिबा कौन हैं, उनके बारे में बहुत कुछ जानना जरूरी है।
बता दें कि जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने आज घोषणा करते हुए कहा कि किशिदा और उनके मंत्रियों ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस्तीफे सौंप दिए। इसके बाद शिगेरू इशिबा के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता और साफ हो गया है। इशिबा को शुक्रवार को सत्तारूढ़ ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ का नेता चुना गया था। ताकि वह किशिदा का स्थान ले सकें। किशिदा ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल के अंत में इस्तीफा देने की घोषणा अगस्त में ही कर दी थी। आज संसद में मतदान के बाद इशिबा का प्रधानमंत्री बनना तय है, क्योंकि संसद में उनकी पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत है।
भारत-जापान के रिश्तों पर होगा क्या असर
जापान में प्रधानमंत्री जरूर बदला है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी वही है। इसलिए भारत के साथ रिश्तों पर ज्यादा असर नहीं पड़ना है। वैसे भी प्रधानमंत्री बनने के बाद शिगेरू इशिबा अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करने के साथ ही देश में जल्द चुनाव का ऐलान भी करेंगे। इशिबा ने सोमवार को कहा था कि वह मंगलवार को देश का औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद 27 अक्टूबर को संसदीय चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। इशिबा ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के गठन से पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की घोषणा करते हुए चुनाव की तारीख का उल्लेख किया।
अगर चुनाव के बाद इशिबा की पार्टी को जीत मिलती है तो वह फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं। भारत के लिए इशिबा का प्रधानमंत्री बनना अच्छा संकेत है। क्यों पीएम मोदी और भारत के रिश्ते उनकी पार्टी के नेता फुमियो किशिदा से भी अच्छे रहे हैं। दूसरी अहम बात ये है कि चीन संयुक्त रूप से भारत और जापान का कट्टर दुश्मन है। ऐसे में जापान में सत्ता बदलने के बाद भी भारत और जापान के रिश्ते मजबूत रहेंगे।
संसद में एलडीपी के पास है बहुमत
जापान के आम चुनाव में सत्ताधारी एलडीपी का मुकाबला कॉन्स्टिट्यूशन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान से होगा। साथ ही कंजर्वेटिव जापान इनोवेशन पार्टी भी मुख्य प्रतिद्वंदी है। संसद की 465 सीटों में से एलडीपी सांसदों की संख्या 258 है और यह पार्टी साल 2012 से सत्ता पर काबिज है। कॉन्स्टिट्यूशन डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों की संख्या 99 है। वहीं कंजर्वेटिव जापान पार्टी के सांसदों की संख्या 45 है। इशिबा जापान के पूर्व रक्षा मंत्री रहे हैं और प्रचार के दौरान भी उनका जोर सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर ही रहा।