बांग्लादेश में पोहेला बोइशाख (बंगाली नववर्ष) को इस्लामीकरण करने और हिंदू समुदाय को डराने की कोशिशें तेज हो रही हैं। इस्लामी कट्टरपंथी इस पारंपरिक त्योहार के मौके पर 100 गायों की कुर्बानी देने की धमकी दे रहे हैं, जिससे हिंदू समुदाय में भय का माहौल बन गया है। पोहेला बोइशाख बंगाली संस्कृति और कृषि आधारित उत्सव है, जिसे सभी धर्मों के लोग मिलकर मनाते रहे हैं, लेकिन अब इसे कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।
कट्टरपंथियों की धमकियाँ और सरकार की निष्क्रियता:
- सोशल मीडिया पर खुलेआम धमकियाँ: कट्टरपंथी संगठन ‘तौहीदी जनता’ जैसे समूह पोहेला बोइशाख को इस्लामी त्योहार में बदलने और गायों की कुर्बानी देने की धमकी दे रहे हैं।
- बांग्लादेश सरकार की उदासीनता:
- अंतरिम संस्कृति सलाहकार मोस्तफा सरवर फारूकी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कहा, “सोशल मीडिया पर बहुत कुछ कहा जाता है, हर चीज़ का जवाब नहीं दिया जा सकता।”
- सरकार ने हिंदू विरोधी हमलों को ‘अफवाह’ बताकर खारिज किया और कट्टरपंथियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
- मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार:
- शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं।
- यूनुस सरकार ने आतंकियों और इस्लामी कट्टरपंथियों को रिहा किया, जिससे कट्टर संगठनों को शह मिली।
2001 में भी हो चुका है आतंकी हमला:
- 14 अप्रैल 2001 को हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (HuJI) ने रमना पार्क में बम धमाके किए थे।
- इस हमले में 9 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए।
- 8 आतंकियों को 2014 में फाँसी की सजा मिली, लेकिन कई अब भी फरार हैं।
- अब फिर से उसी जगह पर 100 गायों की कुर्बानी की धमकी दी जा रही है, जिससे हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार:
- मंदिरों, घरों, और व्यवसायों पर हमले
- हिंदू त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों पर हमले
- हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण
निष्कर्ष:
- बंगाली संस्कृति और हिंदू त्योहारों को खत्म करने की कोशिशें हो रही हैं।
- यूनुस सरकार हिंदू विरोधी कट्टरपंथियों को खुली छूट दे रही है।
- अगर कट्टरपंथियों की ये धमकी सच होती है, तो बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और खराब हो सकती है।
- भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
क्या अगला पोहेला बोइशाख सुरक्षित रहेगा?
- अगर बांग्लादेश सरकार जल्द कदम नहीं उठाती, तो यह त्योहार हिंदू विरोधी हिंसा का नया निशाना बन सकता है।
- बंगाल की सांस्कृतिक पहचान और हिंदू विरासत को कट्टरपंथी ताकतों से खतरा बढ़ता जा रहा है।