विदेश सचिव विक्रम मिसरी की अमेरिका यात्रा भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही है। यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे का फॉलो-अप है और इससे द्विपक्षीय संबंधों में गहराई लाने की दिशा में ठोस पहल हुई है।
मुलाकात के मुख्य बिंदु: विक्रम मिसरी और क्रिस्टोफर लैंडाउ
विषय | विवरण |
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🔹 स्थान | वाशिंगटन डीसी |
🔹 अमेरिकी प्रतिनिधि | उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडाउ |
🔹 प्रमुख उद्देश्य | भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को गहरा करना |
चर्चा के प्रमुख विषय:
- भारत-अमेरिका द्विपक्षीय एजेंडे पर पूर्ण विस्तार
- क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता
- तकनीक, व्यापार और प्रतिभा को साझेदारी की नींव बनाना
- आर्थिक विकास और निष्पक्ष बाजार पहुंच पर ज़ोर
- प्रवासन और मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग
- 21वीं सदी में वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मज़बूती देना
भारतीय दूतावास और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान:
- भारतीय दूतावास (X पोस्ट):
“तकनीक-व्यापार-प्रतिभा भारत-अमेरिका साझेदारी की रीढ़ होंगे।”
- अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस:
“भारत-अमेरिका साझेदारी 21वीं सदी के लिए अमेरिकी विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ है।”
Foreign Secretary @VikramMisri had a great first meeting with @DeputySecState @ChrisLandauUSA.
They discussed the full breadth of the 🇮🇳-🇺🇸 bilateral agenda and shared priorities.
They agreed that Tech-Trade-Talent will shape the India-US partnership in the 21st century.
They… pic.twitter.com/iFZ4C8inCy
— India in USA (@IndianEmbassyUS) May 28, 2025
इस दौरे का महत्व:
- यह रणनीतिक गठबंधन को संस्थागत रूप देने की दिशा में एक और कदम है।
- अमेरिका और भारत की साझा प्राथमिकताओं में चीन की गतिविधियों पर संतुलन, इंडो-पैसिफिक रणनीति, और आर्थिक साझेदारी जैसे मुद्दे भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
- यह संकेत देता है कि दोनों देश अब सिर्फ सैन्य साझेदारी तक सीमित नहीं, बल्कि तकनीकी, आपूर्ति श्रृंखला, व्यापारिक नियमों और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को गहरा कर रहे हैं।