भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा से कहा है कि वह भारत में मौजूद अपने 41 राजनयिकों को 10 अक्टूबर 2023 से पहले वापस बुला ले। भारत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कनाडा यदि ऐसा करता है तो इन्हें मिली हुई राजनयिक छूट वापस ले ली जाएगी।
यह जानकारी अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने दी है। अखबार के अनुसार, इस समय भारत में कनाडा के 62 राजनयिक मौजूद हैं। 41 राजनयिकों को वापस बुलाने पर यह संख्या 21 हो जाएगी। ऐसी स्थिति में 10 अक्टूबर के बाद भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या एक तिहाई रह जाएगी।
भारत ना छोड़ने की स्थिति में कनाडाई राजनयिक वह छूट खो देंगे, जो कि उन्हें मिली हुई हैं। इसके बाद वह अपने राजनयिक ओहदे का लाभ लेकर भारतीय कानूनों से नहीं बच पाएँगे। सामान्य स्थिति में विदेशी राजनयिकों को किसी अपराध का दोषी पाए जाने पर देश छोड़ने को कहा जाता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों की संख्या का मसला कई बार कनाडा के सामने उठाया था। भारत ने साफ शब्दों में कहा था कि दोनों देशों की राजनयिकों की संख्या में असमानता है। जितने भारतीय राजनयिक कनाडा में हैं, उससे कहीं अधिक कनाडाई राजनयिक भारत में हैं।
Canadian Diplomats number much higher, we need parity, says MEA Spox @MEAIndia pic.twitter.com/zKWtRyjb60
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 21, 2023
भारत का यह निर्णय दोनों देशों के बीच जारी रस्साकशी के बीच आया है। 18 सितम्बर 2023 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाने का आरोप लगाया था। कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित किया था।
भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए बदले में एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को भी खारिज किया था। इसके साथ ही भारत ने कनाडाई राजनयिकों पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप भी लगाए थे। भारत ने कहा था कि कनाडा आतंकियों और अपराधियों को शरण देता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी, जो कि अभी तक जारी है। कनाडा के साथ हुए विवाद के बाद 21 सितम्बर 2023 को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत की चिंता दोहराई थी।
फाइनेंशियल टाइम्स की इस रिपोर्ट पर भारतीय विदेश मंत्रालय का कोई बयान नहीं आया है। कनाडाई दूतावास ने भी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने राजनयिक भारत छोड़ चुके हैं और यह आदेश कब दिया गया था।
हालाँकि, भारत के इस कदम से स्पष्ट है कि वह कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर काफी गुस्सा में है। भारत, कनाडा में राजधानी ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में दूतावास/वाणिज्यिक दूतावास संचालित करता है। कनाडा, भारत में 4 दूतावास/वाणिज्यिक दूतावास संचालित करता है जो नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में स्थित हैं।