भारत ने खालिस्तानी समर्थकों की ओर से ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में 8 जुलाई को निकाली जाने वाली रैली पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को कनाडा के हाई कमिश्नर कैमरान मैके को तलब किया. भारत ने कनाडा की सरकार से रैली को रोकने और खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. भारत सरकार की ओर से यह कदम ऐसे में उठाया गया है जब कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने प्रदर्शन को लेकर पोस्टर जारी किया था जिस पर भारतीय राजनयिकों के नाम भी लिखे हुए थे. वहीं, भारत की आपत्तियों पर कनाडा की सरकार की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है.
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने 23 मार्च की एक अन्य घटना के संबंध में कनाडा की सरकार के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि कनाड़ा में भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा ने भी घटना के संबंध में कनाडाई अधिकारियों के समक्ष मुद्दा उठाया है. दरअसल, 23 मार्च को कुछ सिख चरमपंथियों की ओर से हाई कमीशन परिसर में स्मोक कैनिस्टर फेंके जाने का मामला सामने आया था. सोमवार को विदेश मंत्रालय और कनाडा उच्चायुक्त के बीच बैठक के बाद आज यानी मंगलवार को कनाडा के विदेश मंत्रालय को भी एक वर्बल नोट भेजा गया है.
India summons Canadian envoy over Khalistani extremists threatening Indian diplomats
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— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2023
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में कनाडा खालिस्तानियों का सबसे बड़ा अड्डा बनकर उभरा है. भारत में जब भी खालिस्तानी समर्थकों पर कार्रवाई होती या फिर उनके ठिकानों पर छापेमारी होती है तो उसका असर कनाडा में देखने को मिलता है. कनाडा, भारत में प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन के कई आतंकियों को शरण दिए हुआ है. इनमें से कई के सिर पर लाखों रुपए का इनाम भी रखा गया है, इसमं निज्जर का नाम भी शामिल था.
18 जून को हुई निज्जर की हत्या
कनाडा में शरण लिए खालिस्तानी आतंकी निज्जर की 18 जून को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसी हत्या के विरोध में कनाडा में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों ने 8 जुलाई को ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में विरोध रैली और प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. खालिस्तानी समर्थकों का कहना है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है.
कनाडा ने प्रस्तावित रैली को बताया अस्वीकार्य
भारत की आपत्तियों पर कनाडाई सरकार की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. कनाडाई सरकार ने देश में भारतीय मिशनों के सामने खालिस्तानी समर्थकों की प्रस्तावित रैली को अस्वीकार्य बताया है. सोमवार शाम को ट्विटर पर जारी एक बयान में कनाडा के विदेश मामलों की मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना कन्वेंसन के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है.