भारतीय सेना में अब देश की महिलाएं भी मां भारती की आन-बान और शान पर मर मिट जाने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारतीय नारियों के लिए सेना में अपने जज्बे दिखाने के लिए दरवाजा खोल दिया है। लिहाजा अब वही वीरांगनाएं विश्व के मानस पटल पर भारत की नई ताकत का एहसास कराने को तैयार हैं। अगले सप्ताह फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाली बैस्टिल डे परेड में ये भारतीय नारियां अपने कौशल का डंका बजाएंगी। इस दौरान भारतीय वायुसेना की एक महिला हेलीकॉप्टर पायलट उसकी (वायुसेना की) मार्चिंग दल का नेतृत्व करेंगी।
फ्रांस की इस परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशिष्ट अतिथि होंगे। अधिकारियों ने बताया कि भारत की थलसेना, नौसेना और वायुसेना के मार्चिंग दल इस प्रतिष्ठित परेड में हिस्सा लेंगे। अधिकारियों ने कहा कि स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी इस परेड में भारतीय वायुसेना की 68 सदस्यीय दल का नेतृत्व करेंगी। रेड्डी एमआई -17 हेलीकॉप्टर की पायलट हैं और वह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भी वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व कर चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों का 269 सदस्यीय दल बृहस्पतिवार को दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों से पेरिस रवाना हुआ। वायुसेना के चार राफेल जंगी जेट भी फ्रांसीसी जेट विमानों के साथ इस मौके पर चैंप्स इलीसी के ऊपर इस फ्लाईपास्ट में भाग लेंगे।
14 जुलाई को होगा फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस
सेना ने कहा, ‘‘ परेड में भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की 269 सदस्यीय दल अपने फ्रांसीसी समकक्ष के साथ नजर आयेगा। दल आज फ्रांस के लिए रवाना हुआ।’’ नौसेना की टुकड़ी की अगुआई कमांडर व्रत बघेल करेंगे। भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच प्रथम विश्व युद्ध के समय से जुड़ाव है। सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘ 13 लाख से अधिक भारतीय सैनिकों ने इस युद्ध में हिस्सा लिया था और करीब 74000 ने अपना बलिदान दिया था जबकि 67000 घायल हो गये थे।
भारतीय सैनिकों ने फ्रांस की जमीन पर भी बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। फ्रांस ने इसी साल मार्च महीने में प्रधानमंत्री मोदी को जुलाई में वार्षिक बैस्टिल डे परेड में अतिथि के रूप में पेरिस आने के लिए आमंत्रित किया था। यह फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस है, जिसे बैस्टिल डे के रूप में भी जाना जाता है। यह हर साल 14 जुलाई को मनाया जाता है।