थाईलैंड के बैंकॉक में हो रहे ‘विश्व हिंदू कॉन्ग्रेस 2023’ को आज (24 नवंबर 2023) RSS प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है और वह सभी को आर्य बनाएँगे। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद लोग खुश नहीं है। उन्होंने पुनर्विचार शुरू कर दिया है और भारत की ओर देख रहे हैं कि भारत उनको रास्ता दिखाएगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “आज की दुनिया अब शांति के पथ से लड़खड़ा रही है। इसने दो हजार वर्षों से खुशी, आनंद और शांति लाने के लिए कई सारे प्रयोग किए हैं। इतना ही नहीं, भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद की कोशिश की है। सब भौतिक सुख प्राप्त कर लिया है, लेकिन फिर भी संतुष्टि, साधना नहीं है। हमने भौतिकवादी ज्ञान लिया लेकिन हम और हिंसक होते गए… इसलिए कोई शांति और सुख नहीं है।”
वह बोले कि कोरोना काल के बाद दुनिया ने दोबारा सोचना शुरू किया है और ऐसा लगता है कि वो इस बात पर एकमत हैं कि भारत ही उनको रास्ता दिखाएगा। क्योंकि भारत की यह परंपरा रही है और भारत ने ऐसा पहले भी किया है। हमने हमेशा इसका प्रमाण दिया है। अब उन्हें हमसे उम्मीद है। और वही हमारे समाज और राष्ट्र का भी उद्देश्य है।
#WATCH | Addressing the 'World Hindu Congress 2023' in Bangkok, Thailand, RSS Chief Mohan Bhagwat says, "Today's world is now stumbling. For 2,000 years they have performed so many experiments to bring happiness, bliss and peace. They have tried materialism, communism and… pic.twitter.com/e2ODqIduMB
— ANI (@ANI) November 24, 2023
विश्व हिंदू कॉन्ग्रेस को संबोधित करते हुए बोले- “दुनिया एक परिवार है और हम सभी को आर्य बनाएँगे, जो एक संस्कृति है।” वह बोले, “लोग भौतिक सुख पाने के लिए एक-दूसरे से लड़ने और हावी होने की कोशिश करते हैं। हमने ऐसी असुर विजय का अनुभव किया है… जब वो आए और हमारे समाज के साथ क्रूर हुए, फिर भी 500 साल रहे। दूसरा- धन विजय जो हमने 100 से 150 साल तक देखा। लेकिन जब जब हमने दया की बात की तो ये हुई धर्म विजय। ये विजय धर्म पर होती है। इसकी प्रक्रिया भी धर्म के नियमों से चलती है और नतीजा भी फिर धर्म के अनुसार ही आता है।”
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “विश्व मुस्लिम परिषद के महासचिव भारत आए थे और वहाँ अपने भाषणों में उन्होंने कहा था कि अगर हम विश्व में शांति और सद्भाव चाहते हैं, तो भारत के साथ जुड़ना जरूरी है। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है। यही कारण है कि हिंदू समाज अस्तित्व में आया।”