भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से औपचारिक राजनयिक और व्यापारिक संबंध न होने के बावजूद, मानवीय मूल्यों और नौसैनिक सहयोग की एक मिसाल पेश करते हुए, दोनों देशों की नौसेनाओं ने मिलकर एक सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन की बदौलत MSV अल पिरानपीर के 12 चालक दल के सदस्यों की जान बचाई जा सकी। यह घटना उत्तरी अरब सागर में हुई।
ऑपरेशन का विवरण:
- पोत के डूबने की सूचना:
- भारतीय पोत MSV अल पिरानपीर उत्तरी अरब सागर में खराब मौसम के कारण डूब गया।
- इस पर मौजूद 12 चालक दल के सदस्य संकट में आ गए और त्वरित मदद की आवश्यकता थी।
- भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की भूमिका:
- भारतीय तटरक्षक बल ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और खोज एवं बचाव मिशन की शुरुआत की।
- उन्होंने पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (MSA) से संपर्क किया और सहयोग का अनुरोध किया।
- पाकिस्तान MSA का सहयोग:
- पाकिस्तान ने इस मानवीय मिशन में सक्रिय भूमिका निभाई और भारतीय तटरक्षक बल के साथ समन्वय स्थापित किया।
- दोनों एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों और मानवीय मूल्यों का पालन करते हुए इस मिशन को अंजाम दिया।
- बचाव अभियान का परिणाम:
- दोनों देशों के नौसैनिकों के सहयोग से सभी 12 भारतीय चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया।
- उन्हें प्राथमिक चिकित्सा और अन्य आवश्यक मदद प्रदान की गई।
महत्वपूर्ण संदेश:
- यह घटना इस बात का प्रतीक है कि इंसानियत और मानवीय सहायता के मामले में सीमाओं और राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार किया जा सकता है।
- भारत और पाकिस्तान की नौसेनाओं ने दिखाया कि संकट के समय साझा प्रयास किस प्रकार जिंदगियां बचाने में मददगार हो सकते हैं।
ऐसे ऑपरेशन्स का महत्व:
- इस तरह के संयुक्त ऑपरेशन दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का एक सकारात्मक कदम हो सकते हैं।
- यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग की एक प्रेरणादायक मिसाल भी है, जहां मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दी गई।
@IndiaCoastGuard ship Sarthak successfully rescued 12 #Indian crew members of Sunken Dhow Al Piranpir from the North Arabian Sea. The vessel sank on 04 Dec 24 however, the crew had abandoned ship on a dinghy. This humanitarian mission saw close collaboration between #ICG and #Pak… pic.twitter.com/3fcdFBurE2
— Indian Coast Guard (@IndiaCoastGuard) December 5, 2024
दोनों देशों ने दिखाया तालमेल
दोनों देशों के जवानों ने मिलकर गजब का साहस दिखाया और आपसी समन्वय दिखाते हुए मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर्स (MRCC) के साथ पूरे ऑपरेशन के दौरान लगातार संचार बनाए रखा.
मैकेनाइज्ड सेलिंग वेसल (Dhow) अल पिरानपीर, जो गुजरात के पोरबंदर से ईरान के बंदर अब्बास जाने के लिए रवाना हुआ था, लेकिन यह बुधवार की सुबह समुद्र में उठी बड़ी लहरों और बाढ़ की वजह से डूब गया. भारतीय तटरक्षक बल के मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर्स (MRCC) मुंबई को जहाज के संकट में फंसे होने की कॉल मिली. इसके बाद गांधीनगर स्थित तटरक्षक बल के क्षेत्रीय मुख्यालय (उत्तर पश्चिम) को अलर्ट कर दिया गया.
पाकिस्तान के क्षेत्र में पहुंच गए थे लोग
अग्रिम क्षेत्र में गश्त के लिए तैनात तटरक्षक बल के जहाज ‘सार्थक’ को संभावित स्थान पर तुरंत रवाना कर दिया गया और वहां पर व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया. MRCC पाकिस्तान से भी संपर्क साधा गया और अपने समुद्री क्षेत्र में अलर्ट रहने को कहा गया.
12 चालक दल के सदस्य, जिन्होंने अपना जहाज छोड़ दिया था और एक छोटी सी नाव में शरण ले ली थी, उन्हें द्वारका से करीब 270 किमी पश्चिम में पाया गया और वे पाकिस्तान के सर्च और रेस्क्यू रिजन में पहुंच गए और वहां पर लगातार अभियान चलाकर बचा लिया गया. लोगों की तलाश में पाकिस्तान के एमएसए विमान और व्यापारी जहाज एमवी कॉस्को ग्लोरी ने भी सहयोग किया.
बचाए गए लोग स्वस्थ, पोरबंदर लाए जा रहे
भारतीय तटरक्षक बल की त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिए इसकी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है. यह साहसी बचाव अभियान (Rescue Operation) क्षेत्र में समुद्री आपात स्थितियों से निपटने के लिए तटरक्षक बल की क्षमताओं और तत्परता को दर्शाता है.
बचाए गए चालक दल के सदस्यों की आईसीजीएस सार्थक पर मौजूद मेडिकल टीम ने जांच की. जांच में यह बात सामने आई कि वे सभी स्वस्थ हैं. अब उन्हें वापस गुजरात के पोरबंदर बंदरगाह ले जाया जा रहा है. भारतीय तटरक्षक बल ने अपने आदर्श वाक्य “वयं रक्षामः” को चरितार्थ करते हुए एक बार फिर समुद्र में इंसानी जीवन की रक्षा की.