रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का दो वर्ष पूरा होने को है। वहीं, इस युद्ध में दस हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 19 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस बीच, भारत ने अपने नागरिकों को संघर्ष क्षेत्र से दूर रहने के लिए आग्रह किया है।
मास्को के संपर्क में है विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को कहा कि वह रूसी सेना में सहायक कर्मचारियों के रूप में काम करने वाले भारतीयों की शीघ्र मुक्ति के लिए लगातार मास्को के साथ संपर्क में है। मालूम हो कि विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी उस रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि कई भारतीय संघर्ष क्षेत्र में रूसी सेना के सहायक कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं।
एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “हम जानते हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सहायक नौकरियों के लिए साइन अप किया है। भारतीय दूतावास ने नियमित रूप से इस मामले को संबंधित रूसी अधिकारियों के साथ उठाया है। हम सभी भारतीय नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे उचित सावधानी बरतें और इस संघर्ष से दूर रहें।”
संघर्ष से दूर रहें भारतीय नागरिक
उन्होंने कहा कि हमें यह जानकारी मिली है कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए करार किया है। जयसवाल ने कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास इन सभी नागरिकों की मुक्ति के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। उन्होंने सभी भारतीयों से आग्रह करते हुए कहा कि हम सभी भारतीय नागरिकों से उचित सावधानी बरतने और रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष से दूर रहने का आग्रह करते हैं।
इस हफ्ते की शुरुआत में, एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से उन तीन भारतीयों को बचाने का आग्रह किया था, जिन्हें कथित तौर पर रूसी सेना में शामिल होने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया था। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम तीन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर एक एजेंट द्वारा धोखा दिया गया और “सेना सुरक्षा सहायक” के रूप में काम करने के लिए रूस भेजा गया। ये लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हैं। जयशंकर को टैग करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया, “कृपया इन लोगों को घर वापस लाने के लिए अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करें। उनकी जान खतरे में है और उनके परिवार वाजिब रूप से चिंतित हैं।”
बता दें कि रूस में मौजूद भारतीय नागरिकों को जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इनमें से ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं। इन नागरिकों ने अब भारत सरकार से मदद मांगी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक एजेंट ने खुलासा करते हुए बताया कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं। ये लोग मारियुपोल, खार्किव, डोनात्सक, रोस्तोव-ऑन-डॉन में फंसे हुए हैं। यह भी खबर है कि जंग के दौरान एक भारतीय नागरिक की मौत भी हो गई है। बता दें कि रूस व यूक्रेन के बीच पिछले दो सालों से जंग जारी है।