प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को लाओस में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में कहा कि मैंने 10 साल पहले भारत की एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी. पिछले एक दशक में इस नीति ने भारत और आसियान देशों के संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है. उन्होंने यह भी कहा, मेरा मानना है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है.
#WATCH | At the 21st ASEAN- India Summit in Vientiane, Lao, PM Narendra Modi says, "…We are peace-loving countries, respect each other's national integrity and sovereignty and we are committed to the bright future of our youth. I believe that the 21st century is the century of… pic.twitter.com/7Q9depCs4z
— ANI (@ANI) October 10, 2024
भारत की एक्ट-ईस्ट नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले 10 सालों में हमारा आसियान क्षेत्रों के साथ हमारा व्यापार करीब दो गुना होकर 130 बिलियन डॉलर से अधिक का हो गया है. आज के समय में भारत ने 7 आसियान देशों के साथ डायरेक्ट फ्लाइट कनेक्टिविटी कायम की है और जल्द ही ब्रुनेई के साथ भी सीधी उड़ानें शुरू होने जा रहा है.
PM Narendra Modi participated in the 21st ASEAN-India Summit in Vientiane, Lao PDR, today. In the 10th year of the Act East Policy, PM announced a 10-point plan to strengthen connectivity and resilience based on the theme of ASEAN Chair 2024, including physical, digital,… pic.twitter.com/acDHohIo1h
— ANI (@ANI) October 10, 2024
‘नालंदा में 300 आसियान छात्रों को स्कॉलरशिप’
21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आसियान क्षेत्र में सिंगापुर पहला ऐसा देश था जिनके साथ हमने फिनटेक कनेक्टिविटी स्थापित की थी. और यह कामयाबी अन्य देशों में भी दोहराई जा रही है. 300 से अधिक आसियान छात्रों को नालंदा यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप का लाभ मिला है.”
21वीं सदी को भारत और आसियान की सदी होने की बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरा मानना है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है. आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है, भारत और आसियान की मित्रता, संवाद और सहयोग बहुत अहम है.”
Sharing my remarks at the India-ASEAN Summit.https://t.co/3HbLV8J7FE
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
‘भारत-आसियान सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र’
भारत-आसियान देशों की विचारधारा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत-आसियान शांतिपूर्ण राष्ट्र हैं, एक-दूसरे की राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता का सम्मान भी करते हैं और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को लेकर प्रतिबद्ध भी हैं. उन्होंने कहा कि भारत-आसियान पड़ोसी हैं. ग्लोबल साउथ में साझेदार हैं और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र भी है.
#WATCH | At the 21st ASEAN- India Summit in Vientiane, Lao, PM Narendra Modi says, "Today, India has direct flight connectivity with seven ASEAN countries and soon direct flights will start with Brunei as well. We have opened a new embassy in Timor-Leste… People-centric… pic.twitter.com/yIShjPzuaJ
— ANI (@ANI) October 10, 2024
कोविड महामारी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी हो या फिर प्राकृतिक आपदा. मानवीय दायित्व उठाते हुए हमने एक-दूसरे को सहायता दी है. विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी फंड, डिजिटल फंड और ग्रीन फंड स्थापित किए गए हैं. भारत ने इसमें 30 मिलियन डॉलर से अधिक का योगदान किया है. आज हमारा सहयोग अंडर वाटर से लेकर स्पेस तक फैला हुआ है.
#WATCH | At the 21st ASEAN-India Summit in Vientiane, Lao, PM Narendra Modi says, "I had announced India's Act-East policy. In the last decade, this policy has given new energy, direction and momentum to the historic relations between India and ASEAN countries. Giving prominence… pic.twitter.com/eNXlkjBcL2
— ANI (@ANI) October 10, 2024
2 दिन के दौरे पर लाओस में PM मोदी
इससे पहले पीएम मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज गुरुवार को 2 दिन की यात्रा पर लाओस पहुंचे. पीएम मोदी लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणराज्य (लाओ पीडीआर) के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफनाडोन के न्योते पर यहां आए हैं.
दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) का लाओस वर्तमान में अध्यक्ष है. साथ ही पीएम मोदी 19वें पूर्वी एशिया सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की स्थापना साल 1967 में की गई थी. भारत और वियतनाम के अलावा इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, सिंगापुर, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं.