भारत दुनिया के अंतरराष्ट्रीय मंचों से बार-बार कहता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का घर है. यहां तक की कई बार पाकिस्तान को बेनकाब भी कर चुका है. इस बार भारत ने नहीं बल्कि मुस्लिम देश ईरान ने पाकिस्तान का काला सच दुनिया के सामने रखा है. ईरान की मिसाइल कार्रवाई से इस बात की पुष्टि हो गई है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह है. दरअसल, ईरान ने मंगलवार रात पाकिस्तान के आतंकी समूहों पर मिसाइलें दागी है.
इस कार्रवाई से पाकिस्तान के दो आतंकी संगठन पूरी तरह से बौखला गए हैं. ईरान ने जैश अल-अदल ग्रुप से जुड़े दो आतंकी संगठनों पर बमबारी की है.
खुद आतंकी सगंठन ने पाकिस्तान की खोली पोल
ईरान की इस सर्जिकल स्ट्राइक से अब तक 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है, दावा किया जा रहा है कि इसमें आतंकियों के साथ-साथ आम नागरिकों की भी जान गई है. इस हवाई हमले के बाद आतंकी संगठन जैश अल-अदल ने बयान जारी किया है. आतंकी संगठन ने बयान जारी कर कहा कि ईरान ने बलूचिस्तान में उसके लड़कों के घरों को निशाना बनाया है.
यानी आतंकी संगठनों खुद ही पाकिस्तान को बेनकाब कर रहा है. इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं और पाकिस्तान को इसकी भनक तक नहीं है, अब सवाल ये उठता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है.
आखिर ईरान ने क्यों किया अटैक
अब ये भी जान लीजिए कि ईरान ने आतंकी संगठनों पर हमला क्यों किया है? जैश-अल-अदल आतंकी संगठन लगातार ईरान में आतंकी हमलों को अंजाम देता रहता है. यह आतंकी संगठन ईरान के लिए वैसे ही सिरदर्द है जैसे भारत के लिए लश्कर-ए-तैयबा, जो पाकिस्तान से संचालित होता है.
इसलिए ईरान ने आतंकी संगठनों पर हवाई बमबारी की है. अब कई रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि ईरान का यह मिशन जारी रहेगा और भविष्य में वह पाकिस्तान में हमला कर उसे पूरी तरह से खत्म कर सकता है.
हमले के बाद पाकिस्तान का सामने आया रिएक्शन
इस हमले के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इस हमले की निंदा की है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस हमले में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई है जबकि तीन बच्चियां घायल हो गई हैं. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
Ministry of Foreign Affairs, Pakistan tweets, "Pakistan strongly condemns the unprovoked violation of its airspace by Iran and the strike inside Pakistani territory which resulted in the death of two innocent children while injuring three girls. This violation of Pakistan’s… pic.twitter.com/W7g8IqLjXv
— ANI (@ANI) January 16, 2024
ईरान ने इराक पर भी की बमबारी
ईरान सिर्फ पाकिस्तान तक ही नहीं रुका है, ईरान ने इराक के इरबिल शहर पर मिसाइलें दागी हैं. ईरान ने ये मिसाइलें इरबिल शहर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास परिसर के पास और चरमपंथी इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े ठिकानों को नष्ट करने के लिए दागी हैं. इस हमले के बाद इराक में हालात सामान्य नहीं दिख रहे हैं. इराक ने हमले की निंदा की है. आपको बता दें कि यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. गाजा में कई लोगों की जान जा चुकी है.
2021 में भी की थी ईरान ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक
2021 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरानी सेना के कमांडोज ने 2 फरवरी 2021 की रात पाकिस्तान में दाखिल होकर एक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। दरअसल, जैश-अल अदल ने ईरान के दो सैनिकों को अगवा कर लिया था। इनको छुड़ाने के लिए कमांडोज ने ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
ईरान ने पाकिस्तानी फौज को इस एक्शन की पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी। 3 फरवरी को ईरानी सैनिकों ने अपने मिशन को सफल बताया था और साथियों को छुड़ाने की जानकारी दी थी।
जैश अल अदल ने फरवरी 2019 में भी इसी इलाके में ईरानी सैनिकों की बस पर हमला किया था। इस हमले में कई ईरानी सैनिक मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे। अक्टूबर 2018 में इस आतंकवादी संगठन ने 14 ईरानी सैनिकों का अपहरण कर लिया था। ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के मीरजावेह बॉर्डर पर इस घटना को अंजाम दिया गया था। इनमें से 5 सैनिकों को एक महीने बाद छोड़ दिया गया था।
कहा जाता है कि बाद में ईरानी कमांडोज ने एक सीक्रेट ऑपरेशन में इन सैनिकों न सिर्फ छुड़ा लिया था, बल्कि जैश अल अदल के कई आतंकियों को मार गिराया था। इसकी पुष्टि ईरान के पाकिस्तान में मौजूद राजदूत ने भी की थी।
ईरान में थे विदेश मंत्री जयशंकर
इजराइल-हमास और रूस-यूक्रेन के चलते जियोपॉलिटिक्स तेजी से बदल रही है। इसका फायदा यमन के हूती विद्रोही और लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह उठा रहे हैं। खास बात ये है कि इन दोनों ही संगठनों को ईरान की कठपुतली माना जाता है। हूती विद्रोही लाल सागर यानी रेड सी में दुनिया के तमाम देशों के कार्गो जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
इसी जियोपॉलिटिक्स में भारत के हितों को देखते हुए हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार और मंगलवार को ईरान दौरे पर थे। इसी दौरान, एक मीडिया आउटलेट ने खबर दी कि हूती विद्रोही सिर्फ पश्चिमी देशों के कार्गो शिप्स को निशाना बना रहे हैं और भारत सीधे तौर पर उनके निशाने पर नहीं है।
न्यूज 18 ने यह दावा एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर किया। इसके मुताबिक- ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) या सेना और हिजबुल्लाह मिलकर हूती विद्रोहियों को ट्रेनिंग देते हैं।
साथ ही ये जहाजों के जरिए हूती विद्रोहियों को ड्रोन्स, बैलिस्टिक मिसाइलें और दूसरे हथियार भी पहुंचाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन इन्हें फैक्ट्री बनाने, हथियारों के पार्ट्स की तस्करी करने और कई मामलों में सलाह देने का काम करता है। दूसरी तरफ, ईरान पश्चिमी देशों के खिलाफ भारत को एक सहयोगी के तौर पर देखता है।