ईरानी गायक मेहदी याराही को कोड़े मारने की सजा ने एक बार फिर ईरान में मानवाधिकारों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दिखाता है कि ईरानी शासन हिजाब विरोधी आंदोलन और महिलाओं की स्वतंत्रता की मांग करने वालों को किस हद तक दंडित करने को तैयार है।
प्रमुख बिंदु:
- हिजाब विरोधी गाना और सजा:
- याराही ने सितंबर 2023 में “Roo Sarito” नाम से हिजाब विरोधी गीत रिलीज किया था।
- यह गीत ‘Women, Life, Freedom’ आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर आया था, जो महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ था।
- ईरान की सरकार ने इसे “विरोधी गीत” बताकर उन्हें दोषी ठहराया।
- जनवरी 2024 में उन्हें एक साल जेल और 74 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई।
- कोड़े मारने की सजा का क्रियान्वयन:
- याराही को जेल से रिहा करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में रखा गया था।
- जमानत राशि के बदले उन्हें 74 कोड़े मारने की सजा पूरी करनी पड़ी।
- उन्होंने इस सजा को अस्वीकार किया लेकिन रद्द करने की अपील नहीं की।
- मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया:
- नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ने इसे “महिलाओं के प्रति समर्थन का बदला” करार दिया।
- मसीह अलीनेजाद (मानवाधिकार कार्यकर्ता) ने कहा कि यह और अधिक महिलाओं को हिजाब हटाने के लिए प्रेरित करेगा।
- ईरान में क्रूर दमन:
- 2024 में ईरानी न्यायपालिका ने 131 लोगों को कुल 9,957 कोड़े मारने की सजा दी है।
- हिजाब आंदोलन से जुड़े कई प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दी गई या जेल में डाला गया।
ईरान में महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने के लिए शासन कठोर कदम उठा रहा है। लेकिन, इस तरह की दमनकारी नीतियां वहां के विरोध प्रदर्शनों को रोकने में असफल हो सकती हैं, क्योंकि दुनिया भर में लोग ऐसे दमन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।