बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास और उनके दो सहायकों की गिरफ्तारी ने देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है। यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और राजनीतिक संघर्ष से जुड़ा हुआ है।
मामले की मुख्य जानकारी:
- चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी:
- चिन्मय कृष्ण दास, जो ISKCON (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) के प्रमुख संत हैं, को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
- मंगलवार (26 नवंबर, 2024) को जज काजी नजरुल इस्लाम ने उन्हें जेल भेज दिया और जमानत देने से इंकार कर दिया।
- सहायकों की गिरफ्तारी:
- गुरुवार (29 नवंबर, 2024) को चिन्मय कृष्ण दास के दो सहायकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे उन्हें जेल में खाना देने गए थे।
- पुलिस ने अभी इन दोनों की गिरफ्तारी के कारण स्पष्ट नहीं किए हैं।
- शेख हसीना की प्रतिक्रिया:
- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना की।
- उन्होंने इसे “अवैध” करार देते हुए यूनुस सरकार पर सवाल उठाए और संत को तुरंत रिहा करने की मांग की।
- ISKCON के खिलाफ विरोध:
- बांग्लादेश की इस्लामी पार्टियों ने ISKCON को “कट्टरपंथी संगठन” बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
- इन पार्टियों का आरोप है कि ISKCON देश में धार्मिक कट्टरता फैला रहा है, हालांकि इस दावे का कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
- वकीलों का मत:
- बांग्लादेशी वकीलों ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन बताया है और इसे मानवाधिकारों पर हमला करार दिया है।
सियासी और धार्मिक पृष्ठभूमि:
- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय अक्सर धार्मिक उत्पीड़न का सामना करता है।
- यूनुस सरकार पर आरोप है कि वह कट्टरपंथी इस्लामी गुटों को तुष्ट कर रही है।
- शेख हसीना, जो अब सत्ता में नहीं हैं, ने इस घटना को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की संभावना:
- ISKCON एक वैश्विक संगठन है, और इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय हिंदू संगठनों और मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रिया संभव है।
- भारत, जो बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है, पर भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने का दबाव हो सकता है।
আওয়ামী লীগ সভানেত্রী বঙ্গবন্ধুকন্যা শেখ হাসিনার বিবৃতিঃ
চট্টগ্রামে একজন আইনজীবীকে হত্যা করা হয়েছে, এই হত্যার তীব্র প্রতিবাদ জানাচ্ছি। এই হত্যাকাণ্ডের সঙ্গে যারা জড়িত তাদেরকে খুঁজে বের করে দ্রুত শাস্তি দিতে হবে। এই ঘটনার মধ্য দিয়ে চরমভাবে মানবাধিকার লঙ্ঘিত হয়েছে। একজন… pic.twitter.com/b7yjlyj9Et
— Awami League (@albd1971) November 28, 2024
शेख हसीना ने आगे कहा, “चटगाँव में एक मंदिर को जला दिया गया है। इससे पहले अहमदिया समुदाय की मस्जिदों, दरगाहों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई।” शेख हसीना ने यूनुस सरकार को सत्ता हथियाने वाला बताया है।
वहीं इस बीच बांग्लादेश ISKCON के खिलाफ षड्यंत्र तेज हो गया है। बांग्लादेश हाई कोर्ट ने हाल ही में ISKCON पर बैन लगाने की माँग करने वाली याचिका को ठुकरा दिया था। इसके बाद अब बांग्लादेश की इस्लामी पार्टियों ने ऐसी ही माँग उठाई है। जमीयत उलेमा ए बांग्लादेश के अब्दुल युसूफ ने ISKCON को ‘कट्टरपंथी संगठन’ बताया है।
इस्लामी पार्टियों ने कहा है कि यूनुस सरकार बिना देरी के ISKCON को बैन कर दे। उन्होंने ISKCON के साधु संतों को ‘हथियारबंद लड़ाके’ करार दिया है। इस्लामी पार्टियों ने यह सारी बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही हैं। यह पार्टियाँ बांग्लादेश में कड़े इस्लामी कानून चाहती हैं।