इजरायल और हमास के बीच जारी युद्धविराम के बीच बंधकों की रिहाई का दौर भी जारी है. रविवार को हमास ने एक बार फिर इजरायल 13 नागरिकों समेत कुल 17 बंधकों को रिहा कर दिया. हमास ने रफा बॉर्डर के रास्ते बंधकों को रेड क्रॉस के सदस्यों को सौंप दिया. रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने कहा कि उसने गाजा से 17 बंधकों को कामयाबी से ट्रांसफर किया गया. हमास ने कहा कि उसने 13 इजरायली, थाईलैंड के तीन और एक रूसी नागरिकता वाले को रिहा किया है.
17 के बदले छोड़ने पड़े 39 फिलिस्तीनी
बंधकों की उम्र 4 से 84 साल की उम्र के बंधक थे. एक 4 साल की बच्ची अबीगैल एडन भी शामिल थी, जिसके माता-पिता 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू करने वाले हमास के हमले में मारे गए थे. तो वहीं दूसरी ओर इजरायल ने भी 39 फिलिस्तीनियों को रिहा किया है. बसों के जरिए इन कैदियों को वेस्ट बैंक भेजा गया. इजरायल-हमास से जुड़ा हर अपडेट यहां जानिए.
इजरायल-हमास सीजफायर से जुड़े अपडेट्स
आईडीएफ ने लिस्ट जारी करके बताया है कि उसने अबतक हमास के 5 सीनियर कमांडर मार गिराए हैं. उनके नाम अहमद, ऐमन, राजेब, हलीफा और सलमान है.
उधर बंधकों की अदला-बदली पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुशी जताई है. लेकिन इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि इस युद्धविराम के बाद दोबारा गाजा में अपना ऑपरेशन शुरू करेगा.
हमास की कैद से छूटे इजरायली बंधकों के तीसरे ग्रुप ने मध्य तेल अवीव में जश्न मनाया. इजरायल अपने बंधकों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का इस्तेमाल भी कर रहा है. वेस्ट बैंक में इजरायली जेल से कैदियों को लेकर बस रवाना हुई है.
रविवार की शाम को वेस्ट बैंक में इजरायल की ओफर जेल से कैदियों को लेकर एक बस रवाना हुई है. हमास ने रविवार को 17 बंधकों को रिहा किया था, बदले में इजराइल को 39 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है. इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, 7 अक्टूबर को हमास आतंकियों ने दक्षिणी इजरायल में घुसकर 1,200 लोगों की हत्या करने और करीब 240 लोगों को बंधक बनाने के बाद से ये संघर्ष का पहला पड़ाव है. हमास अपनी सशस्त्र गतिविधियों को इजरायली कब्जे के खिलाफ विरोध के तौर पर दिखाता है.
हमास से रिहाई के बाद एक इजरायली परिवार में तीन पीढ़ियों ने एक दूसरे को गले लगाया. हमास आतंकियों की कैद से छूटे इजराइली बंधकों में शोशन हरन, उनकी बेटी आदि शोहम और पोते-पोतियां नावे और येल भी शामिल थे. सभी को शीबा मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें बाकी परिवार के सदस्यों से मिलाया गया. 7 अक्टूबर के हमास के हमले के दौरान आतंकियों ने 8 साल के नवे और 3 साल की येल याहेल को उनके माता-पिता के साथ किबुत्ज़ बेरी से अगवा कर लिया था. अभी भी इनके पिता ताल शोहम गाजा पट्टी में कैद में हैं. शोशन लंबे वक्त से सामाजिक कार्यकर्ता हैं.