इजरायल ने गाजा पट्टी में इस्लामी आतंकी संगठन हमास की सरकार चलाने वाले रावी मुश्तहा को मार गिराने का ऐलान किया है। मुश्तहा के साथ हमास के दो और बड़े आतंकी मारे गए हैं। इजरायल ने यह हवाई हमला तीन माह पहले किया था। इसका खुलासा अब किया गया है।
इजरायली सेना ने एक बयान में बताया है कि इस हवाई हमले में उत्तरी गाजा का एक तहखाना निशाने पर था। इस हवाई हमले में मुश्तहा के साथ समेह अल सिराज और सामी औदेह को मार गिराया गया। रावी मुश्ताहा गाजा पट्टी का सर्वेसर्वा था। सिराज हमास का राजनीतिक ब्यूरो और हमास श्रम समिति के सुरक्षा पोर्टफोलियो का काम देखता था। औदेह दूसरे काम देखता था।
इजरायल के आधिकारिक बयान में बताया गया, “IDF और ISA की खुफिया जानकारी पर किए गए हमले के दौरान, इजरायली वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने उत्तरी गाजा पट्टी में एक किलेबंद तहखाने में छिपे आतंकियों पर हमला किया और उन्हें मार गिराया। यह तहखाना हमास के कमांड और नियंत्रण केंद्र के रूप में काम करता था। इसके अंदर आतंकी शरण लेते थे।”
Joint IDF and ISA announcement:
𝐓𝐡𝐞 𝐈𝐃𝐅 𝐚𝐧𝐝 𝐈𝐒𝐀 𝐞𝐥𝐢𝐦𝐢𝐧𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐞𝐫𝐫𝐨𝐫𝐢𝐬𝐭 𝐑𝐚𝐰𝐡𝐢 𝐌𝐮𝐬𝐡𝐭𝐚𝐡𝐚, 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐞𝐚𝐝 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐦𝐚𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐆𝐚𝐳𝐚 𝐒𝐭𝐫𝐢𝐩
The IDF and ISA currently announce that…
— Israel ישראל (@Israel) October 3, 2024
इसी बयान में इजरायल ने आगे बताया, “तहखाने पर हमले और आतंकियों के खात्मे के बाद भी हमास ने मुश्तहा की मौत की घोषणा नहीं की ,ताकि उसके आतंकियों का मनोबल ना गिरे।” बयान के अनुसार, रावी मुश्तहा हमास का एक प्रमुख एजेंट था, जिसका हमास सैनिकों की तैनाती पर सीधा प्रभाव था।
मुश्तहा गाजा पट्टी के भीतर नागरिक सरकार का नेतृत्व करता था और साथ ही आतंकी गतिवधियां चलाता रहता था। वह हमास के मुखिया याहया सिनवार का दायाँ हाथ था। मुश्तहा और याह्या सिनवार ने हमास का आतंकी ढाँचा बुना था। इन दोनों ने एक साथ इजरायली जेल में सजा काटी थी।
मुश्तहा को गाजा पट्टी में हमास के राजनीतिक ब्यूरो में सबसे वरिष्ठ माना जाता था। अक्टूबर, 2023 में इजरायल का गाजा से संघर्ष छिड़ने के बाद आतंकी अभियानों में शामिल होने के दौरान उसने हमास प्रशासन पर नागरिक नियंत्रण बनाए रखा। मुश्तहा सिनवार के करीबी विश्वासपात्रों में से एक था।
इससे कुछ ही दिन पहले इजरायल ने हिजबुल्लाह के मुखिया हसन नसरुल्लाह को मार गिराया था। उसे बेरुत में एक हवाई हमले में मारा गया था। इजरायल ने इसके अलावा हमास के एक बड़े आतंकी मोहम्मद दाईफ को भी जुलाई में मार गिराया था। इजरायल लगातार उसके दुश्मन आतंकी संगठनों का नेतृत्व खत्म करता जा रहा है।
इजरायल के इन हमलों के बीच ईरान ने भी उस पर मिसाइलें दागी हैं। ईरान के इन हमलों में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह ईरान को माकूल जवाब देंगे। ईरान और इजरायल के बीच बढती अदावत के कारण मध्य एशिया में संकट और गहरा गया है।