पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को लैंगिक टिप्पणी को लेकर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, ख्वाजा आसिफ ने विपक्षी महिला सांसदों के खिलाफ लैंगिक टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।
रक्षा मंत्री की टिप्पणी को लेकर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य समूहों में आक्रोश का माहौल है और तमाम समूह सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग कर रहे हैं।
ख्वाजा आसिफ के विवादित बोल
नेशनल असेंबली के एक सत्र के दौरान मंगलवार को ख्वाजा आसिफ ने विपक्षी दलों को खास तौर पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की महिला सांसदों को ‘पीटीआई के खंडहर’ रूप में संदर्भित किया था। उन्होंने कहा था कि, – “वे (महिला पीटीआई सदस्य) बचे हुए खंडहर हैं। साथ ही उन्होंने पीटीआई की महिला सदस्यों को कचरा कहा था। उन्होंने कहा था कि पीटीआई का कचरा बचा हुआ है जिसे साफ करने की आवश्यकता है।”
क्या कुछ बोले शाह महमूद कुरैशी
ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी की पीटीआई के शीर्ष नेतृत्व, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने निंदा की। साथ ही उन्होंने जमकर हंगामा भी किया। पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी की शर्मनाक करार दिया।
उन्होंने कहा कि ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी बेहद शर्मनाक है। यह पहली बार नहीं है जब ख्वाजा आसिफ और पीएमएलएन ने महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक और लैंगिकवादी भाषा का उपयोग किया है।
वहीं, सांसद ज़ारका सुहरवर्दी तैमूर ने कहा कि मैं ऐसे वरिष्ठ राजनीतिक लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा से चिंतित हूं। मैंने अपने घर में ऐसे शब्द कभी नहीं सुने।