चीन ने खुद को विश्व शांति और समृद्धि में योगदान देने वाला देश बताते हुए अमेरिका पर निशाना साधा है। चीन ने कहा है कि अमेरिका अपना आधिपत्य जमाने के लिए सभी प्रकार के उपायों का सहारा लेता है, लेकिन इसका खामियाजा विकासशील देशों को भुगतना पड़ता है।
दरअसल, चीन ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे सामने चीन की धमकियां और जबरदस्ती, यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामकता, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियां हैं।
#WATCH | We face a rapidly changing world. We see bullying and coercion from China, Russian aggression against Ukraine & transnational challenges such as terrorism&climate change, says US Defence Secy as he speaks on the importance of joint military exercises b/w India & US. pic.twitter.com/9CRWUiR6C7
— ANI (@ANI) June 5, 2023
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व शांति और समृद्धि में चीन का योगदान है। वह चीन नहीं, अमेरिका है, जो जबरदस्ती और आधिपत्य के लिए सभी प्रकार के उपायों का सहारा लेता है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में नाटो देशों के दबाव और डराने-धमकाने का असर विकासशील देशों को भुगतना पड़ रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास के महत्व पर बोलते हुए आस्टिन ने कहा था कि दुनिया चीन की धमकियों और दबाव को देख रही है, जो बल प्रयोग से सीमाओं का पुनर्निधारण करना चाह रहा है। उन्होंने चीन पर अन्य देशों की राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने आगे कहा, “शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक स्वतंत्रता को संरक्षित करने और कायम रखने के लिए भारत और अमेरिका के मुखर नेतृत्व की आवश्यकता होगी। इसके लिए हमें अभी भी बहुत काम करना है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत अमेरिका साझेदारी हिंद-प्रशांत और व्यापक दुनिया के लिए खुले और समृद्ध भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगी।”
अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के रक्षा मंत्री की तरफ से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नाटो जैसे सैन्य गठबंधन के खिलाफ चेतावनी जारी करने पर कहा कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नाटो की स्थापना का प्रयास नहीं कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम करना जारी रखेंगे कि यह क्षेत्र खुला रहे, ताकि व्यापार समृद्ध हो सके और विचारों का आदान-प्रदान जारी रहे।