शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान चीन किर्गिस्तान पाकिस्तान रूस ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस संस्था के छह संस्थापक सदस्य चीन रूस कजाकिस्तान किर्गिस्तान ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के हॉल पहले से ही बीजिंग में मौजूद हैं।
साल 2023 में भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता करने वाला है। इसके अलावा इसी साल भारत में जी20 का भी आयोजन होने वाला है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई 2023 को वर्चुअल रूप से आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन की अध्यक्षता पीएम मोदी करने वाले हैं।
इस आयोजन से पहले भारत ने चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूद शंघाई सहयोग संगठन सचिवालय में ‘नई दिल्ली हॉल’ का उद्घाटन किया। हॉल के उद्घाटन किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ये हॉल ‘मिनी इंडिया’ को दर्शाता है।
बीजिंग में खोला गया ‘नई दिल्ली हॉल’
शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस संस्था के छह संस्थापक सदस्य चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के हॉल पहले से ही बीजिंग में मौजूद हैं।
इन सभी छह देशों ने अपने-अपने हॉल में अपनी संस्कृतियों और अनूठी विशेषताओं को उजागर किया है। अब भारत भी ‘नई दिल्ली हॉल’ के जरिए देश की संस्कृति और विरासत को दर्शाने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि पाकिस्तान का अभी तक अपना हॉल नहीं है।
यह मिनी को दर्शाएगा: एस जयशंकर
एस जयशंकर ने अपने वीडियो संबोधन में कहा, “मुझे आज एससीओ महासचिव और अन्य प्रतिष्ठित सहयोगियों उपस्थिति के बीच एससीओ सचिवालय में नई दिल्ली हॉल का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है।”
उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर विशेष खुशी हो रही है कि यह पहली एससीओ अध्यक्षता के तहत किया जा रहा है। जयशंकर ने आगे कहा,”नई दिल्ली हॉल की कल्पना एससीओ सचिवालय में एक “मिनी-इंडिया” के रूप में की गई है और यह भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेगा।”
यह हॉल भारत की संस्कृति को दर्शाएगा: एस जयशंकर
उन्होंने कहा,” भारत की कलात्मक परंपरा और सांस्कृतिक पहचान की गहराई का एहसास कराने के लिए हॉल को उत्कृष्ट पैटर्न और रूपांकनों के साथ डिजाइन किया गया है, जो पूरे भारत में पाए जाने वाले समृद्ध वास्तुशिल्प कौशल को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हॉल को पारंपरिक डिजाइन के साथ भौतिक और आभासी दोनों प्रारूपों में बैठकों की सुविधा के लिए आधुनिक तकनीकों से भी सुसज्जित की गई है।
जयशंकर ने यह भी कहा,मुझे उम्मीद है कि यह हॉल भारत के बहुसांस्कृतिक और बहुराष्ट्रीय चरित्र को दर्शाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह हॉल ‘वसुधैव कुटुंबकम’ जिसका अर्थ है ‘दुनिया एक परिवार है’ के सार को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण होगा।”