हमास की ओर से 7 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमले के बाद सवाल उठने लगे हैं कि जब मिस्र से लेकर अमेरिका तक ने पहले हमले की चेतावनी जारी की थी तो फिर इजराइल सोता क्यों रहा? क्या ये लापरवाही थी या फिर किसी साजिश का हिस्सा था? क्या हमास के साथ इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कोई कनेक्शन है? क्या उनकी नीति ने हमास को खूंखार बनाया? आइए इन सभी सवालों के जवाब एक-एक करके जानते हैं.
द टाइम्स ऑफ इजरायल ने लिखा है कि नेतन्याहू ने सालों से हमास को पनपने दिया और जिसका खामियाजा इजरायल को भुगतना पड़ा. वहीं हरेट्ज ने इसे दोनों का गठबंधन बता दिया. दावा किया जा रहा है कि ये खेल लंबे समय से चल रहा था. इसलिए क्योंकि, 2018 से कतर का पैसा गाजा भेजा जा रहा था फिर भी इजराइल ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की. इसके अलावा नेतन्याहू की सरकार में 2014 से गाजा की तरफ से आने वाले बैलून और रॉकेट हमले को बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया.
इसी साल जनवरी में नेतन्याहू के सत्ता में आने के बाद गाजा के लोगों को भारी संख्या में वर्क परमिट दिए गए और इसकी संख्या 20 हजार तक पहुंच गई. सोचिए इतनी भारी संख्या में लोग काम करने इजरायल आ रहे थे. पैसे कमा रहे थे और शायद इजरायली सेना के हर कदम पर नजर भी रख रहे थे. हो सकता है यही पैसे उनके हथियारों का जखीरा जुटाने का जरिया तक बना हो. जिसकी मदद से 7 अक्टूबर का नरसंहार हुआ.
फंड ट्रांसफर को सपोर्ट करने की कही थी बात
इजरायल के मीडिया का ये भी दावा है कि 2019 में अपनी लिकुड पार्टी की एक मीटिंग में नेतन्याहू ने कहा था कि जो फिलिस्तीन देश के विरोध में हैं वो गाजा में फंड ट्रांसफर को सपोर्ट करें क्योंकि इससे वेस्ट बैंक की फिलिस्तिनियन अथॉरिटी और गाजा के हमास में दूरी बन जाएगी और फिलिस्तीन देश बनने की अवधारणा ध्वस्त हो जाएगी.
लेकिन नेतन्याहू शायद ये भूल गए कि जिस अल कायदा को अमेरिका ने खड़ा किया उसने न्यूयॉर्क में घुसकर 9/11 हमला कर दिया तो फिर हमास उनका हमदर्द कैसे बन जाता. उनकी नीति का नतीजा ये हुआ कि आज दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है. सैकड़ों बंधकों की सांसें अटकी हुई हैं.
संयुक्त राष्ट्र में एक मैप पेश कर खड़ा कर दिया था हंगामा
अब बात ग्रेटर इजराइल कनेक्शन की करें सितंबर महीने में नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में एक मैप पेश किया था. इस मैप में वेस्ट बैंक से लेकर गाजापट्टी और येरूसलन और गोलान हाइट्स को इजराइली सीमा में दिखाया गया था. नेतन्याहू की ओर से दिखाए गए इस नक्शे को पूरी दुनिया के लिए चुनौती के रूप में माना गया. बताया गया कि इन इलाकों को इजराइल अपने देश में मिलाने जा रहा है. कहीं न कहीं नेतन्याहू के इस कदम को देखकर हमास और बौखला गया और ठीक दो हफ्ते बाद ही उसने इजराइल पर एक साथ 5000 रॉकेट दाग कर अपनी नाराजगी भी जग जाहिर कर दी.