पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) 2 मार्च तक गठबंधन सरकार बनाने और 9 मार्च से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराने की योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं. शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया.
तीन बार के पीएम नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन को पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी की पीपीपी का समर्थन मिलेगा. बता दें 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. दोनों दलों ने जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान द्वारा समर्थित उम्मीदवारों की तुलना में कम सीटें जीतीं.
शहबाज होंगे अगले पीएम
72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शीर्ष पद पर लौटने के लिए तैयार हैं. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि नवाज शरीफ ऐसी सरकार का नेतृत्व नहीं करना चाहते जिसमें पीएमएन-एल के पास संसद में बहुमत नहीं हो.
सूत्रों के हवाले से 9 मार्च से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है क्योंकि देश भर में नवनिर्वाचित विधानसभाएं 29 फरवरी तक शपथ ले लेंगी और 2 मार्च तक नई सरकार बन जाएगी.
निवर्तमान राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर पिछले साल सितंबर में समाप्त हो गया. हालांकि, वह अपने निर्धारित संवैधानिक कार्यकाल की समाप्ति के बाद भी कार्यालय में बने रहे.
74 वर्षीय राष्ट्रपति अल्वी अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति तक अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए सहमत हुए थे. गौरतलब है कि अगस्त में विधानसभाएं भंग कर दी गई थीं और चुनाव संवैधानिक समय सीमा के अनुसार नहीं हुए थे.
पीएमएल-एन, पीपीपी और उनके सहयोगी दल चाहते हैं कि सीनेट के मौजूदा कार्यकाल के पूरा होने से पहले 8 मार्च तक राष्ट्रपति चुनाव हो और राष्ट्रपति चुने जाने के बाद सीनेट चुनाव हो.
पीपीपी के वरिष्ठ नेता सीनेटर फारूक एच नाइक ने कहा कि संविधान की दूसरी अनुसूची के साथ पढ़े जाने वाले अनुच्छेद 41 के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव आम चुनाव के 30 दिनों के भीतर होना चाहिए. रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, ‘इसका मतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव 9 मार्च से पहले होना है.’
जरदारी बन सकते हैं अगले राष्ट्रपति
पीपीपी के सह-अध्यक्ष 68 वर्षीय आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति पद पर लौटने की संभावना है. इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र के सत्ता समझौते के तहत पीएमएलृ-एन ने शहबाज शरीफ को सरकार बनाने में मदद करने के बदले में संयुक्त उम्मीदवार के रूप में जरदारी को संवैधानिक पद के लिए नामित करने पर सहमति व्यक्त की थी.
बता दें सरकार बनाने के लिए, किसी पार्टी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी जरूरी हैं. चुनावों में, खान के पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने सबसे अधिक नेशनल असेंबली सीटों (92) पर जीत हासिल की, उसके बाद पीएमएल-एन (79) और पीपीपी (54) का स्थान रहा.