भारत: ऑपरेशन ‘सिंदूर’, सैन्य ताकत और आर्थिक मजबूती
सैन्य परिप्रेक्ष्य: ‘ऑपरेशन सिंदूर’
- हालिया सैन्य तनाव में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए अपनी सैन्य तत्परता और क्षमता का परिचय दिया।
- इसका उद्देश्य तेज, सटीक और सीमित समय में कार्रवाई थी, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत की निर्णायक सैन्य नीति को गंभीरता से लिया।
आर्थिक परिप्रेक्ष्य: RBI का डिविडेंड
- RBI ने भारत सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का डिविडेंड दिया है — ये अब तक का सबसे बड़ा सरप्लस है।
- इसके पहले:
- FY 2023-24: ₹2.1 लाख करोड़
- FY 2022-23: ₹87,416 करोड़
- बिमल जालान समिति की सिफारिशों के तहत RBI ने अपना जोखिम बफर 5.5%-6.5% के बीच बनाए रखा है, जिससे अधिक डिविडेंड संभव हुआ।
- यह डिविडेंड भारत के राजकोषीय घाटे को कम करने, बुनियादी ढांचे में निवेश, और कल्याणकारी योजनाओं में मदद करेगा।
पाकिस्तान: आर्थिक भिखमंगापन और IMF की कड़ी शर्तें
IMF की “भीख” और अंतरराष्ट्रीय आलोचना
- पाकिस्तान को $1 बिलियन (~₹8,500 करोड़) की वित्तीय सहायता IMF ने कड़ी शर्तों के साथ दी है।
- शर्तें थीं:
- कर बढ़ोतरी
- सब्सिडी में कटौती
- राजकोषीय अनुशासन
भारत की चिंता: आतंकी फंडिंग का खतरा
- भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि यह राशि पाकिस्तान द्वारा भारत-विरोधी आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकती है।
- भारत ने IMF से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।
भारत बनाम पाकिस्तान: एक तुलनात्मक दृष्टिकोण
बिंदु | भारत | पाकिस्तान |
---|---|---|
सेना की स्थिति | आत्मनिर्भर, सशक्त, तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता | संसाधन-घाटे में, IMF पर निर्भर |
RBI/IMF सहायता | ₹2.69 लाख करोड़ (सरकार को डिविडेंड) | ₹8,500 करोड़ IMF की सहायता |
ग्लोबल छवि | विश्वसनीय, निवेश का केंद्र | अस्थिर, वित्तीय संकट में |
संकट प्रबंधन | आत्मनिर्भरता व सुधारों से निपटना | वैश्विक भीख पर निर्भरता |
निष्कर्ष:
भारत ने अपने आर्थिक और सामरिक मोर्चों पर जिस तरह सशक्त उपस्थिति दर्ज की है, वह सिर्फ पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है — कि मजबूत अर्थव्यवस्था और मजबूत सेना का तालमेल ही किसी राष्ट्र को वैश्विक शक्ति बनाता है।