प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका गए भारतीय प्रधानमंत्री लौटते समय मिस्र की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी का मिस्र की राजधानी कैरो स्थित अल हाकीम मस्जिद का दौरा भी होगा।
PM Modi's two-day Egypt tour begins tomorrow, to visit 11th century Al-Hakim Mosque
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— ANI Digital (@ani_digital) June 23, 2023
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर जाएंगे जहां वो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने और कारोबार एवं आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
मिस्र के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर कर रहे मोदी यात्रा
क्वात्रा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं।
अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। साल 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला मिस्र दौरा होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री अल-हकीम मस्जिद में लगभग आधा घंटा बिताएंगे। बता दें कि काहिरा में एक ऐतिहासिक और प्रमुख मस्जिद है जिसका नाम 16वें फातिमिद खलीफा अल-हकीम द्वि-अम्र अल्लाह (985-1021) के नाम पर रखा गया है।
मस्जिद का निर्माण मूल रूप से अल-हकीम द्वि-अम्र अल्लाह के पिता, खलीफा अल-अज़ीज़ बिल्लाह द्वारा 10वीं शताब्दी के अंत में, वर्ष 990 में किया गया था, और बाद में वर्ष 1013 में अल-हकीम द्वारा पूरा किया गया था।
पीएम मोदी 24 और 25 जून तक करेंगे मिस्र की यात्रा
मिस्र की राजधानी काहिरा के मध्य में लगभग 1000 साल पुरानी संरचना अल-हकीम द्वि-अम्र अल्लाह मस्जिद को व्यापक नवीनीकरण के बाद इस साल 27 फरवरी को फिर से खोला गया था, जिसे पूरा होने में छह साल लग गए।
पीएम मोदी 24 और 25 जून को मिस्र की राजकीय यात्रा करेंगे।
इससे पहले, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि यहां यह उल्लेखनीय है कि यह प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली यात्रा होगी और मैं यह भी बता सकता हूं कि 1997 के बाद से यह भारतीय प्रधान मंत्री की मिस्र की पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा होगी।
अपने पहले मिस्र दौरे के दौरान पीएम मोदी उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हेलियोपोलिस वॉर ग्रेव कब्रिस्तान भी जाएंगे, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र के लिए लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।
11वीं सदी की मस्जिद है अल-हाकीम
प्रधानमंत्री मोदी कैरो के जिस अल हाकीम मस्जिद जाएंगे, वह 11वीं सदी की मस्जिद है। 6 सालों तक चले पुनरुद्धार कार्य के बाद इस शिया मस्जिद को इसी वर्ष फरवरी में दोबारा खोला गया था। इस मस्जिद का पुनरुद्धार करवाने में बोहरा समुदाय का विकास योगदान रहा। मुसलमानों के बोहरा समुदाय का मुख्य निवास भारत है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने इस भारतीय मुस्लिम समुदाय से खासे प्रभावित हैं। वो अतीत में भारत से मिस्र गए दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों का दिल खोलकर स्वागत किया था।