यूरोप में अब धीरे-धीरे उन विदेशियों पर कदम उठने आरंभ हो गए हैं, जो अवैध रूप से रह रहे हैं और अनियमित तरीके से रह रहे हैं। अब पुर्तगाल में भी उन विदेशियों पर कदम उठाया जा रहा है, जो अनियमित रूप से रह रहे हैं। दरअसल यूरोप में अवैध आप्रवासन एक बहुत बड़ा मुद्दा है और लगभग हर देश इसकी चपेट में है। अशांत क्षेत्रों से लोग आते हैं और जब यूरोप की संस्कृति में घुलमिल नहीं पाते हैं, तो वे अफरातफरी फैलाते हैं। एक बहुत बड़ा वर्ग तो ऐसा है कि वह समझना ही नहीं चाहता है। इनके कारण वहाँ के स्थानीय लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनकी नौकरियों, कल्याणकारी योजनाओं आदि सभी पर अतिक्रमण हो रहा है। यही कारण है कि अवैध आप्रवासियों को लेकर यूरोप की जनता में बहुत गुस्सा है और लगभग हर राजनीतिक दल इसी को मुद्दा बनाए हुए है।
पुर्तगाल में भी 18 मई को भी चुनाव है और इसे लेकर देश के मिनिस्टर ऑफ द प्रेज़िडन्सी अंटोनियों लेइतो अमारो ने घोषणा की है कि सरकार लगभग 18,000 अवैध विदेशियों को देश छोड़कर जाने का आदेश देगी। न्यूज के अनुसार उन्होनें कहा कि अवैध रूप से रह रहे लगभग 4500 लोगों को सरकार नोटिस जारी करेगी कि उनके पास देश छोड़कर जाने के लिए 20 दिन हैं और यदि वे 20 दिनों मे अपने देश नहीं जाते हैं तो उन्हें जबरन डेपोर्ट किया जाएगा।
हाल ही में अमारो ने यह भी कहा था कि पुर्तगाल को अपने डीपोर्टेशन सिस्टम को सुधारने की आवश्यकता है, जो प्रभावी नहीं है। सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियोज़ वायरल हैं, जिनमें यह साफ दिख रहा है कि कैसे स्थानीय नागरिकों के साथ अफ्रीकी एवं अन्य मूल के शरणार्थी दुर्व्यवहार कर रहे हैं और हाल ही में एक बस ड्राइवर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें यह साफ दिख रहा था कि कैसे स्थानीय लोग मूलभूत बस जैसी सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे हैं। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक श्वेत महिला है, उसे अश्वेत लोग बस में चढ़ने ही नहीं दे रहे हैं।
कई ऐसे भी दावे हुए कि पुर्तगाल में भी उन लोगों को अवैध आप्रवसियों का गिरोह मार रहा है, जो लड़कियों को उन गिरोहों के चंगुल से बचा रहे हैं। अप्रेल में ही एक समाचार था कि पुर्तगाल में एक 700 साल पुराना क्रॉस पाकिस्तानी आप्रवासियों द्वारा तोड़ दिया गया।
ऐसे में कई लोगों का गुस्सा इन लोगों पर है। एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें आप्रवासी लोग एक युवक के साथ झगड़ रहे हैं क्योंकि वह उन लोगों का विरोध कर रहा था। एक यूजर ने लिस्बन का एक वीडियो साझा किया था। हालांकि यह वीडियो एक नहीं बल्कि कई बार लोग साझा कर चुके हैं। इसमें उसने लिखा है कि लिस्बन एक इस्लामिक खिलाफत जैसा दिख रहा है। इसमें कोई पुर्तगाली नहीं है, न ही महिलाएं और बच्चे, केवल पाकिस्तान और बांग्लादेश से आदमी। यह वह यूरोप नहीं है, जिसे हम जानते हैं।
और इसी पर एक यूजर ने लिखा था कि धीरे-धीरे इनकी अपनी एक राजनीतिक पार्टी हो जाएगी और फिर वे कब्जा करेंगे। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या समस्या को समझकर पुर्तगाल की सरकार यह कदम उठा रही है या फिर यह चुनावों के बाद सरकार में वापस आने की कवायद है? portugalresident.com के अनुसार वर्तमान एडी सरकार दो सप्ताह के भीतर होने वाले चुनावों में रहने के लिए यह सारी कवायद कर रही है। पिछले वर्ष जून में आप्रवासियों के लिए खुले दरवाजे बंद कर दिए और नियंतिकरण के लिए लंबित 4 लाख से अधिक मामलों को हल कारणए के लिए AIMA (Agency for Integration, Migration and Asylum) में एक ‘मिशन संरचना’ बनाई।
पत्रकारों से बात करते हुए अमारो ने यह जोर देकर कहा कि 18,000 लोगों का आंकड़ा अभी फाइनल नहीं है और अभी बहुत सारे लोगों की डिटेल्स देखी जा रही हैं। उन्होनें जोर देकर कहा कि उन सभी लोगों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है, जो यूरोपीय और पुर्तगाली नियमों का उल्लंघन करके यहाँ आए हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि यह सब एक दिखावा ही है, क्योंकि AIMA उन लोगों का पता कैसे लगाएगी, जो बिना दस्तावेजों के देश में आए हैं और यह सुनिश्चित करेगी कि वे देश से बाहर जाएं। वहीं सत्ताधारी पार्टी के लेफ्ट विंग सलाहकारों का यह मानना है कि सरकार आप्रवासियों को बलि का बकरा बना रही है या तो वह दक्षिणपंथी पार्टी से वोट छीनना चाहती है या फिर अपने खराब वित्तीय परिणाम छिपाना चाहती है।