प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने तीन देशों के महत्वपूर्ण विदेश दौरे के तहत क्रोएशिया की ऐतिहासिक यात्रा की, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इस यूरोपीय राष्ट्र का पहला आधिकारिक दौरा था। इस यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब पहुंचे, जहां उनका पारंपरिक भारतीय मंत्रोच्चार और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। वहाँ लगभग 17,000 भारतीय मूल के लोगों ने “वंदे मातरम्”, “जय श्रीराम” और “मोदी-मोदी” जैसे नारों से उनका स्वागत किया, जिससे माहौल भावनात्मक और गौरवपूर्ण हो गया।
क्रोएशिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच और राष्ट्रपति जोरन मिलानोविच से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, सेमीकंडक्टर और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
सबसे अहम समझौता “रक्षा सहयोग योजना” को लेकर हुआ, जिसे दोनों देशों ने और अधिक मजबूत बनाने पर सहमति जताई। यह रणनीतिक भागीदारी आने वाले वर्षों में रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण, तकनीकी विनिमय और संयुक्त विकास जैसी गतिविधियों को बल देगी।
Grateful to the people and Government of Croatia for the warm welcome during what has been a truly landmark visit. This visit ushers in a new chapter in our shared journey of friendship and extensive cooperation.@AndrejPlenkovic
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2025
आतंकवाद पर सख्त रुख
दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर स्पष्ट और सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद मानवता का दुश्मन है” और “आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।” यह बयान भारत की उस दीर्घकालिक नीति को रेखांकित करता है जिसमें आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात की जाती रही है।
वैश्विक शांति, संप्रभुता और डायलॉग पर ज़ोर
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत और क्रोएशिया इस बात पर सहमत हैं कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि से नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति से होना चाहिए। साथ ही उन्होंने हर देश की अखंडता और संप्रभुता के सम्मान को अनिवार्य बताया। यह बयान न केवल रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे मौजूदा संकटों पर भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, बल्कि चीन जैसे पड़ोसियों के संदर्भ में भी भारत की विदेश नीति को मजबूती प्रदान करता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला प्रमुख दौरा
गौरतलब है कि यह यात्रा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री मोदी का पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा था। इस अभियान के तहत भारत सरकार ने पश्चिम एशिया के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला था। क्रोएशिया दौरे से पहले प्रधानमंत्री ने साइप्रस और कनाडा का भी दौरा किया।
Addressing the press meet with PM @AndrejPlenkovic of Croatia. https://t.co/w70d6cL0y4
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2025
G7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी
क्रोएशिया से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भी भारत के आउटरीच पार्टनर के तौर पर भाग लिया। इस सम्मेलन में उन्होंने अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, इटली जैसे शीर्ष वैश्विक नेताओं के साथ मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सामरिक दृष्टि से बेहद सफल रही। क्रोएशिया जैसे छोटे मगर रणनीतिक रूप से अहम यूरोपीय देश के साथ संबंध मजबूत करना, आतंकवाद पर वैश्विक सहमति बनाना और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों में क्रोएशिया की भूमिका को मान्यता देना—इन सभी आयामों ने इस दौरे को उल्लेखनीय बना दिया। इससे भारत की वैश्विक भूमिका और प्रभाव को और विस्तार मिला है।
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