रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का शैतान-2 मिसाइल की तैनाती का आदेश वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। यह मिसाइल, जिसे आधिकारिक रूप से RS-28 Sarmat कहा जाता है, दुनिया की सबसे शक्तिशाली और घातक परमाणु मिसाइलों में से एक मानी जाती है। पुतिन का यह कदम पश्चिमी देशों और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव और पश्चिम द्वारा यूक्रेन को परमाणु हथियारों से लैस करने की संभावना के जवाब में आया है।
शैतान-2 मिसाइल की विशेषताएं:
- अत्यधिक पेलोड क्षमता:
- यह मिसाइल 10 टन तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, जो इसे व्यापक विनाश करने वाला हथियार बनाता है।
- यह मिसाइल एक साथ दर्जनों परमाणु वारहेड ले जा सकती है।
- अभूतपूर्व रेंज:
- शैतान-2 की मारक क्षमता 35,000 किलोमीटर है, जो इसे दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंचने में सक्षम बनाती है।
- वजन और आकार:
- इसका वजन 208.1 टन है, जो इसे अब तक की सबसे भारी और घातक मिसाइल बनाता है।
- मल्टीपल वारहेड सिस्टम:
- यह मिसाइल एक समय में कई लक्ष्यों पर वार करने में सक्षम है, जो इसे पारंपरिक मिसाइलों से कहीं अधिक प्रभावशाली बनाता है।
रूस का कदम क्यों खतरनाक है?
- परमाणु तनाव का बढ़ना:
- यूक्रेन में युद्ध पहले से ही तीव्र संघर्ष का केंद्र है। शैतान-2 की तैनाती से परमाणु युद्ध का खतरा और बढ़ गया है।
- रूस का यह कदम पश्चिमी देशों द्वारा परमाणु हथियारों के हस्तांतरण की प्रतिक्रिया में माना जा रहा है।
- क्रेमलिन की चेतावनी:
- पुतिन ने पहले ही दुनिया को चेतावनी दी थी कि यूक्रेन को परमाणु हथियार देना “पागलपन” होगा और इससे “तबाही के कगार” पर पहुंचने का खतरा होगा।
- वैश्विक प्रतिक्रिया:
- पश्चिमी देश, खासकर नाटो सदस्य, इस तैनाती को रूस की आक्रामकता का प्रतीक मान सकते हैं, जिससे वैश्विक सैन्य तनाव बढ़ सकता है।
शैतान-2 के रणनीतिक प्रभाव:
- पश्चिमी देशों पर दबाव:
- इस मिसाइल की क्षमता और विनाशकारी शक्ति से नाटो देशों पर रणनीतिक दबाव बढ़ेगा।
- यह मिसाइल पश्चिमी देशों के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी चुनौती देती है।
- यूक्रेन संघर्ष में नया मोड़:
- इस तैनाती से रूस यूक्रेन और उसके समर्थकों को स्पष्ट संकेत दे रहा है कि वह किसी भी हद तक जा सकता है।
दुनिया के लिए खतरा:
शैतान-2 जैसी मिसाइल की तैनाती केवल सैन्य तनाव ही नहीं, बल्कि मानवता के अस्तित्व के लिए भी खतरा है। यदि यह मिसाइल इस्तेमाल होती है, तो यह न केवल युद्धक्षेत्र बल्कि वैश्विक पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को भी गहरे संकट में डाल सकती है।
Putin orders Satan II nukes to be ready as soon as possible as Kremlin warns 'insane' idea of arming Ukraine with nukes would push world to 'brink of catastrophe'
pic.twitter.com/BYt5W7sxfW— Russian Market (@runews) November 28, 2024
पश्चिमी देश कहते हैं दुनिया का शैतान
रूस ने इस मिसाइल का नाम अब आरएस-28 सरमत रख दिया है, लेकिन पश्चिमी देश अभी भी इसे दुनिया के शैतान-2 के नाम से जानते हैं। यह जिधर भी जाती है, उधर दूर-दूर तक किसी का भी बच पाना मुश्किल है। रूस ने सफल परीक्षण के बाद 2023 से इसे सेना में शामिल किया है। रूस ने इस मिसाइल का परीक्षण यूक्रेन से युद्ध छिड़ने के बाद किया। हालांकि यह मिसाइल उसके पास पहले से मौजूद थी, लेकिन आधुनिक जरूरतों के अनुसार इसके काफी ज्यादा अपग्रेड किया गया है। रूस की सरकारी एजेंसी टास और रसियन मार्केट की ओर से शैतान-2 उर्फ आरएस-28 सरमत की तैनाती का दावा किया गया है।