रूस के राष्ट्रपति पुतिन को लेकर क्रेमलिन की ओर से बड़ी खबर सामने आई है। रायटर ने शुक्रवार को क्रेमलिन के हवाले से बताया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर की भारत में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने की कोई योजना नहीं है। यानि वह व्यक्तिगत रूप से इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए सितंबर में दिल्ली नहीं आएंगे। भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। नई दिल्ली में 8 से 10 सितंबर तक जी-20 सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस दौरान जी-20 के लगभग सभी देश इसमें भाग लेने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। मगर पुतिन ने भारत आने के अपने प्लान को रद्द कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मीडियो रिपोर्टों में कहा गया है कि पुतिन पर यूक्रेन में युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसका मतलब यह है कि विदेश यात्रा करते समय उन्हें गिरफ्तार किए जाने का खतरा है। इस सप्ताह उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले समूह ब्रिक्स के नेताओं की एक सभा में भी व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि वीडियो लिंक के ज़रिए भाग लिया था। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि भारत में चल रहे जी-20 सम्मेलन में भी वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही हिस्सा ले सकते हैं। फिलहाल क्रेमलिन ने व्यक्तिगत रूप से जी-20 में शामिल होने के लिए पुतिन के भारत आने की संभावना को लेकर दृढ़ता से इनकार किया है।
वैगनर ग्रुप का भी हो सकता है डर
वैसे तो माना जा रहा था कि पुतिन जी-20 में भाग लेने जरूर आएंगे। वह दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने के लिए जाने वाले थे। मगर दक्षिण अफ्रीका आईसी का सदस्य है। इसलिए पुतिन के वहां जाने पर, उस पर उनकी गिरफ्तारी का दबाव बनता। जबकि बारत आइईसी का सदस्य नहीं है। इसलिए पुतिन को भारत में जी-20 सम्मेलन में शरीक होने के आने के लिए कोई खतरा नहीं था। इसीलिए पुतिन ने भारत आने से अब तक इनकार नहीं किया था। मगर अभी दो दिन पहले ही पुतिन से बगावत करने वाले रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप के चीफ येवगिनी प्रिगोझिन की विमान हादसे में मौत हो गई है। वैगनर ग्रुप इसे साजिश बता रहा है। उसने प्रिगोझिन की मौत का बदला लेने की धमकी भी दी है। कहा जा रहा है कि एक वजह ये भी हो सकती है कि पुतिन सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे हालात में विदेश यात्रा करने से बचना चाह रहे हैं।