इजरायली सैनिकों और टैंकों ने गुरुवार को उत्तरी गाजा में कुछ देर तक जमीनी हमला किया. इजरायली सेना ने कहा है कि ये छापे लड़ाई के अगले चरण की तैयारी हैं. सेना ने यह भी कहा है कि ऑपरेशन के बाद सैनिक वापस लौट आए हैं.
इसराइली सेना ने हमले का ड्रोन वीडियो जारी किया है जिसमें ‘डी-9’ नाम के बुलडोजर देखे जा सकते हैं. बता दें डी-लाइन एक बख्तरबंद बुलडोजर है जिसे ‘टेडी बियर’ भी कहा जाता है. अमेरिकी ट्रैक्टर कंपनी कैटरपिलर द्वारा निर्मित है.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक करीब जमीनी आक्रमण के दौरान करी 100 ‘टेडी बियर’ बुलडोजरों गाजा में एंट्री करने के लिए तैयार हैं.
डी-9 का मुख्य काम पने पीछे चल रहे सैनिकों के लिए बिना किसी नुकसान के मार्च करने के लिए रास्ते की मुश्किलों को साफ करना है. साथ ही पीछे छिपने के लिए सैनिकों के लिए डिफेंसिव पॉजिशन का निर्माण करना है.
गाजा पट्टी जैसे शहरी युद्ध में, वे आक्रामक वाहन के रूप में भी काम करते हैं. पिछले दो दशकों में बुलडोजरों में किए गए बदलावों में चालक दल द्वारा संचालित मशीन गन और ग्रेनेड लांचर की फिटिंग शामिल है. इसका मुख्य काम हमास द्वारा खोद दी गई सड़कों को साफ करना होगा.
इजरायली सेना ने क्या दावा किया
रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा, ‘हमने आतंकवादियों को खत्म किया, खतरों को बेअसर किया, विस्फोटकों को नष्ट किया और घात लगाकर किए गए हमलों को बेअसर कर दिया.’
सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह एक टेक्टिक्ल ऑपरेशन था’ है, जिसका अर्थ है कि इसका दायरा सीमित था, जो केवल कुछ घंटों तक चला.’ उन्होंने इजरायली सेना बिना बिना किसी नुकसान के इजरायल वापस लौट गईं।
जमीनी हमले की तैयारी
इज़रायली सरकार ने बार-बार कहा है कि वह हमास को पूरी तरह से खत्म करने के लिए गाजा में पूर्ण पैमाने पर जमीनी आक्रमण का इरादा रखती है. हालांकि कई विश्लेषकों ने इस ऑपरेशन की कामयाबी की को लेकर शंकाएं भी जाहिर की हैं.
रात भर की छापेमारी ने इजरायली रणनीतिकारों को कुछ खुफिया जानकारी जरूर मिलेगी. लेकिन इजरायल अपने फुल स्केल जमीनी ऑपरेशन में जितनी देर करेगा, हमास को तैयारी करने में उतना ही अधिक समय लगेगा. इसमें इजरायल द्वारा रात में किए गए नुकसान की भरपाई भी शामिल हैं.
अगर इजरायल हमास को खत्म करने के उद्देश्य से जमीनी आक्रमण शुरू करता है, तो इससे भी अधिक जानमाल का नुकसान हो सकता है. गाजा पर 2007 से हमास का शासन है और चार बार इजराइल से इसका युद्ध हो चुका है.
गाजा में 7000 लोगों की मौत
इस बीच गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि संघर्ष में 7,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 के युद्ध से तुलना करें तो छह दिन तक चली उस जंग में 2,251 फिलिस्तीनी मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर आम लोग थे.