भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शुक्रवार को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ मुलाकात की और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (आसियान) की अध्यक्षता के लिए इंडोनेशिया को भारत का समर्थन जताया। जयशंकर ने राष्ट्रपति विडोडो को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं भी दीं। जयशंकर ने ट्वीट में कहा, ”राष्ट्रपति विडोडो से मिलकर गौरवान्वित हूं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की इंडोनेशिया द्वारा अध्यक्षता का भारत समर्थन करता है।
Spoke at the 13th EAS Foreign Ministers Meeting in Jakarta. Conveyed that:
➡️ EAS must be committed to a free, open, inclusive and rules based Indo-Pacific, with respect for sovereignty and territorial integrity.
➡️ India firmly supports the ASEAN Outlook on the Indo-Pacific… pic.twitter.com/HSqMPUmx5s
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2023
” जयशंकर यहां 13वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (आसियान) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्रीय मंच को स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशान्त की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा, ”भारत, हिंद-प्रशान्त (एओआईपी) पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन करता है और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के माध्यम से इसे लागू करता है।” उन्होंने कहा कि भारत और एओआईपी द्वारा प्रस्त्वाति हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) के बीच अच्छा तालमेल है।
Honored to meet President @jokowi.
Conveyed the personal greetings of PM @narendramodi.
India supports Indonesia’s chairship of the East Asia summit. pic.twitter.com/OfwKlDfmGM
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2023
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांति के लिए क्वाड की मौजूदगी महत्वपूर्ण
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया के दौरान ” चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड ) की अहमियत भी बताई। क्वाड भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान देशों का बड़ा संगठन है। वैश्विक सुरक्षा, शांति और सहयोग बनाए रखना इस संगठन की जिम्मेदारी है। जयशंकर ने कहा कि क्वाड हमेशा आसियान और आसियान नीत तंत्र का पूरक रहेगा। एओआईपी क्वाड की परिकल्पना में योगदान देता है। भारत हिंद-प्रशान्त में आसियान की केन्द्रीयता की पुष्टि करता है और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को मजबूती देने की वकालत करता है।” हिंदा-प्रशान्त एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें हिंद महासागर और दक्षिणी चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशान्त महासागर का हिस्सा शामिल है।