विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिवसीय यूएई यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापार, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यात्रा के मुख्य बिंदु:
1. राष्ट्रपति के सलाहकार से मुलाकात:
- विदेश मंत्री ने यूएई के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर मोहम्मद गर्गश से मुलाकात की।
- इस बैठक में विशेष साझेदारी और उसके भविष्य के विकास पर चर्चा हुई।
- जयशंकर ने इसे सकारात्मक और प्रगति केंद्रित बातचीत बताया।
2. बीएपीएस हिंदू मंदिर का जिक्र:
- अबू धाबी में बन रहे बीएपीएस हिंदू मंदिर का जिक्र करते हुए जयशंकर ने इसे बहुलवाद, सद्भाव और सहिष्णुता का प्रतीक बताया।
- यह मंदिर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक समावेशिता का एक अनूठा उदाहरण है।
3. व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA):
- जयशंकर ने CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) की सराहना की, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
- स्थानीय मुद्रा व्यापार व्यवस्था और फिनटेक तंत्र को भी उल्लेखनीय उपलब्धियों के रूप में रेखांकित किया गया।
Nice to meet @AnwarGargash, Diplomatic Advisor to the President, UAE this morning.
Discussed our special partnership and its further progress.
🇮🇳🇦🇪 pic.twitter.com/W0OChrkHux
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 28, 2025
वैश्विक मंच पर सहयोग:
- जयशंकर ने बदलते वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि मौजूदा समय में दुनिया एक जटिल और अस्थिर दौर से गुजर रही है।
- उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और यूएई के बीच अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग और भी मजबूत होगा।
- बदलते वैश्विक क्रम को दोनों देशों के लिए नए अवसर और मित्रता के निर्माण का समय बताया।
यूएई में भारतीय समुदाय:
- जयशंकर ने भारतीय प्रवासियों के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख करते हुए बताया कि:
- 2015 में यूएई में भारतीयों की संख्या 25 लाख थी, जो अब बढ़कर 40 लाख से अधिक हो गई है।
- यह आंकड़ा दोनों देशों के बीच गर्मजोशी और सौहार्द का प्रतीक है।
- भारतीय प्रवासी यूएई की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जयशंकर का संदेश: भारत-यूएई संबंधों की गहराई:
- विदेश मंत्री ने भारत-यूएई संबंधों को सच्ची मित्रता का उदाहरण बताया।
- उनका कहना था कि बदलती वैश्विक व्यवस्था में दोनों देशों के बीच सामरिक और आर्थिक सहयोग और अधिक गहरा होगा।
एस जयशंकर की यह यात्रा भारत और यूएई के बीच कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बीएपीएस हिंदू मंदिर, CEPA की सफलता, और प्रवासी भारतीयों का योगदान इन संबंधों की गहराई और मजबूती को दर्शाता है। जयशंकर का यह दौरा आने वाले समय में भारत-यूएई साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।