कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार का खालिस्तानी आतंकियों के प्रति प्रेम को लेकर चेहरा बेनकाब हो गया है. कनाडा की संसद ने मंगलवार को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की याद में एक मिनट का मौन रखा गया. भारत सरकार द्वारा आतंकी घोषित निज्जर की 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारा के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
Canada's Parliament marked the one-year anniversary of the killing of Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar by holding a moment of silence in the House of Commons on Tuesday
(Video Source – Canadian Parliament Official Website) pic.twitter.com/SGkovpiWXc
— IANS (@ians_india) June 19, 2024
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निज्जर की बरसी पर 18 जून को कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में कार्यवाही के अंत में स्पीकर ग्रेग फर्गस ने खड़े होकर घोषणा की कि सदन में सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद एक साल पहले आज ही के दिन ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में मारे गए हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखने पर सहमति बनी है. इसके बाद सदन के सभी सदस्य खड़े हुए और निज्जर की याद में एक मिनट का मौन रखा.
वहीं, कनाडा की संसद में आतंकवादी निज्जर को सम्मान देने के बाद वैंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 1985 में एयर इंडिया के कनिष्क विमान में विस्फोट से मारे गए 329 पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक सेवा की घोषणा की. भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है. 23 जून 2024 को एयर इंडिया की उड़ान कनिष्क पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ है. नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवादी घटना में 86 बच्चों सहित 329 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी.
23 June 2024 marks the 39th Anniversary of the cowardly terrorist bombing of Air India flight 182 (Kanishka), in which 329 innocent victims, including 86 children, lost their lives in one of the most heinous terror-related air disasters in the history of civil aviation. (2/3)
— India in Vancouver (@cgivancouver) June 18, 2024
एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि 23 जून, 2024 को शाम 6:30 बजे स्टेनली पार्क के सेपरले प्लेग्राउंड क्षेत्र में एयर इंडिया मेमोरियल में स्मारक सेवा निर्धारित की गई है. वैंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूतावास आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए भारतीय प्रवासियों को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है.
कनिष्क हादसा कैसे हुआ?
बता दें कि 23 जून, 1985 को, कनाडा से लंदन होते हुए भारत जा रहे एयर इंडिया के विमान में विस्फोट हुआ था। एयर इंडिया की फ्लाइट-182 ने 23 जून 1985 को कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर से उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट को मॉन्ट्रियल से ब्रिटेन के लंदन, फिर भारत के दिल्ली होते हुए मुंबई पहुँचना था। बोइंग 747-237B का नाम सम्राट कनिष्क के नाम पर रखा गया था। इस विमान को आयरलैंड के हवाई क्षेत्र में 31,000 फीट की ऊँचाई पर बम से उड़ा दिया गया। हादसे के बाद विमान अटलांटिक महासागर में गिर गया। इस विमान हादसे में 329 लोगों की मौत हुई। मारे गए लोगों में 22 हवाई यात्री भारत में जन्मे थे, जबकि 280 लोग भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे। यह घटना आधुनिक कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी।
कनाडा इस घटना की जाँच कभी पूरी नहीं कर पाया और आज तक हादसे के किसी भी आरोपी को सजा नहीं हो पाई है। जब भारत की ओर से सीबीआई ने हादसे की जाँच करने की कोशिश की तो कनाडा ने कानून का सहारा लेकर रुकावटें खड़ी कीं और जाँच पूरी नहीं होने दी। बता दें कि हादसे के बाद सिर्फ 131 यात्रियों के शव ही बरामद किए जा सके थे। विमान हादसे की जाँच कर रही सीबीआई ने भी पाया था कि धमाके में आतंकी संगठन बब्बर खासा इंटरनेशनल का हाथ था, इसका मास्टरमाइंड बब्बर खालसा इंटरनेशन का नेता तलविंदर सिंह परमार था।
इसी कड़ी में भारत ने खालिस्तानी आतंकी तलविंदर सिंह परमार को प्रत्यर्पित करने को कहा था, जो उस समय कनाडा में रहता था। परमार ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ का पहला मुखिया था। वह 1970 में कनाडा भाग गया था और वहीं से खालिस्तानी गतिविधियों को संचालित करता था। तलविंदर पर वर्ष 1981 में पंजाब पुलिस के 2 जवानों की हत्या का आरोप भी है, जिसके लिए उसे 1983 में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था। तलविंदर परमार ने पंजाब के बड़े नेता लाला जगत नारायण की भी वर्ष 1981 में हत्या कर दी थी। तलविंदर इसके अतिरिक्त अन्य कई हत्याओं में भी शामिल रहा था। तलविंदर ने 1985 में एयर इंडिया के एक बोईंग 747 विमान जिसका नाम ‘कनिष्क’ था, उसे बम से उड़ा दिया था। यह विमान कनाडा के शहर मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते भारत आ रहा था।
इस विमान में तलविंदर ने इन्दरजीत सिंह रैयत तथा अन्य कुछ आरोपितों के साथ मिलकर बम रखा था जो कि विमान की उड़ान के बीच प्रशांत महासागर में फट गया था और इस हादसे में 329 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी। इस हादसे में मरने वाले 268 व्यक्ति कनाडाई नागरिक ही थे। उसने इसी दिन एक और विमान को बम से उड़ाने के लिए एक बैग में बम रखा था, लेकिन वो इसे विमान के भीतर नहीं डाल पाया और टोक्यो में ही फट गया। तलविंदर ने यह बम एयर इंडिया के टोक्यो से बैंकाक जाने वाले विमान में रखने का प्लान बनाया था।
जस्टिन के पिता पियरे ट्रूडो की एक गलती के कारण 329 निर्दोष व्यक्तियों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी और लोग हवाई यात्रा करने से भी डरने लगे थे। जस्टिन यही गलती फिर दोहरा रहे हैं। गौरतलब है कि उनकी सरकार पिछले कुछ सालों से ऐसे कृत्यों पर एकदम शांत है जिनमें भारत को सीधे सीधे धमकी दी गई है।
भारत की ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकियों की सूची में था निज्जर
निज्जर भारत विरोधी और अलगाववादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख था. भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने निज्जर को ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकियों की सूची में शामिल किया था. भारत ने निज्जर को गिरफ्तार करवाने पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया था.
ट्रूडो ने लगाया था निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा हो गया. 18 सितंबर, 2023 को हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने भाषण में कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों की जांच कर रही हैं. उन्होंने कहा था कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन है. हालांकि, भारत ने ट्रूडो के इन आरोपों का खंडन किया था और कनाडा में किसी भी तरह की हिंसा में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुका बताया था.