थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को उनके पद से हटा दिया गया है. थाईलैंड के संवैधानिक न्यायालय ने बुधवार (14 अगस्त) को उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने का आदेश दिया. श्रेथा थाविसिन को आपराधिक दोषसिद्धि वाले मंत्री को नियुक्त करने पर पद से हटाया गया है.
बैंकॉक में संवैधानिक न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया कि एक रियल एस्टेट टाइकून जो श्रेथा का रिश्तेदार था उसे कैबिनेट में जगह दी गई थी. जबकि नियुक्त पाने वाला शख्स जेल की सजा काट चुका था और वह एक वकील था. कोर्ट ने इस मामले को नैतिकता नियमों का उल्लंघन माना है.
अदालत के 9 न्यायाधीशों में से 5 ने श्रेथा और उनके मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने के लिए मतदान किया. कोर्ट ने कहा कि प्रधान मंत्री ‘अच्छी तरह से जानते थे कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है जिसके अंदर गंभीर रूप से नैतिक अखंडता का अभाव है.’ यह मामला थाईलैंड की पूर्व सत्तारूढ़ सेना की तरफ से नियुक्त पूर्व सीनेटरों के एक समूह द्वारा कोर्ट में लाया गया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद देश में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो गई है.
प्रधानमंत्री के अंदर नैतिक मूल्यों का अभाव- कोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सप्ताह पहले ही कोर्ट ने मुख्य विपक्षी मूव फॉरवर्ड पार्टी (एमएफपी) को भंग करने का आदेश दिया था. साथ ही उसके पूर्व नेता पर 10 वर्षों के लिए राजनीति से प्रतिबंध लगा दिया था. अब एक सप्ताह बाद कोर्ट ने पीएम को ही बर्खास्त कर दिया है. न्यायाधीश पुन्या उदचचोन ने अदालत का फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘अदालत बहुमत से फैसला सुनाती है कि संविधान के तहत प्रधानमंत्री को उनके पद से हटाया जाता है, क्योंकि उन्होंने इस मंत्री की नियुक्ति में ईमानदारी नहीं दिखाई है.’
कोर्ट ने प्रधानमंत्री की बर्खास्तगी को लेकर क्या कहा?
न्यायाधीश ने कहा कि साल 2008 में वकील पिचित चुएनबान को कोर्ट से दोषी ठहराया गया था, ये बात प्रधानमंत्री को पता रही होगी, इसके बावजूद उन्होंने दोषी वकील को कैबिनेट में जगह दी. कोर्ट ने कहा कि पिचित की नियुक्ति से पता चलता है कि श्रेथा में कोई ईमानदारी नहीं है और उन्होंने नैतिक मानकों का उल्लंघन किया है. अदालत के फैसले के बाद न केवल श्रेथा बल्कि उनकी पूरी कैबिनेट भी बर्खास्त हो गई है. अब संसद को नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठक करनी होगी.
थाईलैंड में राजनीतिक अस्थिरता
थाईलैंड में पिछले दो दशकों से राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. इसमें तख्तापलट से लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों और अदालती आदेश शामिल हैं. थाईलैंड में देश की सेना तख्तापलट कर चुकी है. अब कोर्ट ने प्रधानमंत्री को बर्खास्त किया है. ऐसे में एक बार फिर थाईलैंड में राजनीतिक अस्थितरता चरम पर पहुंच गई है. साथ ही देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है.