फ्रांस के प्रसिद्ध पत्रकार फ्रांस्वा गॉटियर ने कहा है कि
हिन्दू भारत में बहुसंख्यक हैं, लेकिन उनकी मानसिकता अल्पसंख्यकों वाली है। गॉटियर आजकल भारत में ही रहते है। वह महाराष्ट्र के पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज की स्थापना कर चुके हैं। इसके लिए लगातार विदेशों से चंदा जुटाने में लगे हुए हैं। वे फ्रांस के विभिन्न अख़बारों में काम कर चुके हैं। वह कई दशकों से भारत में रह रहे हैं और उन्होंने एक भारतीय नमृता बिंदर से विवाह भी किया है।
गॉटियर ने एक साक्षात्कार में हिन्दुओं को लेकर कई महत्वपूर्व बातें कही हैं। उन्होंने कहा, “हमें इतिहास से यह सबक मिला है कि हिन्दुओं को लड़ना चाहिए। विश्व में आज भी हिन्दू धर्म पर हमले हो रहे हैं। चाहे पाकिस्तान हो या अफगानिस्तान हो। ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण अब यह बहुत बड़ी समस्या है, विशेष कर पंजाब और दक्षिण में।”
उन्होंने आगे कहा, “केबल टीवी के माध्यम से भारत का पश्चिमीकरण हो रहा है। पूरे विश्व में विशेषज्ञों को भारत के विषय में बताने के लिए सरकारों द्वारा कहा जाता है, जो कि समझने के लिए काफी कठिन देश है। यह विशेषज्ञ हिन्दुओं के प्रति द्वेष भाव रखते हैं।” गॉटियर ने कहा, “हिन्दू धर्म कभी नहीं कहता कि आप धर्मान्तरित हो जाओ या फिर मैं आपको धर्मान्तरित करने के लिए मिशनरी भेज दूँगा।”
उन्होंने इस विशेषज्ञों द्वारा हिन्दुओं के विषय में फैलाई जाने वाली घृणा को लेकर कहा, “यह विशेषज्ञ लगातार कहते रहते हैं कि हिन्दू रूढ़िवाद, इस्लामिक रूढ़िवाद के समान है जो कि बिलकुल झूठ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदुत्व कभी भी भारत के बाहर विश्व विजय पर नहीं गया और ना ही अपने धर्म को इस तरह से रखा जैसे कि ईसाईयत ने दक्षिण अमेरिका की सभी सभ्यताओं को साफ़ कर दिया और ना ही इस्लाम की तरह जिसने मिस्र की सभ्यता को खत्म कर दिया।”
गॉटियर ने कहा कि हिन्दुओं की संख्या 1.3 अरब है और वह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। हिन्दू सबसे शांतिपूर्ण लोग हैं, लेकिन हिन्दुओं की मानसिकता अल्पसंख्यकों के जैसी है। यही सबसे बड़ी समस्या है। भारत में भी वह बहुसंख्यक हैं, लेकिन मानसिकता अल्पसंख्यक की रखते हैं। जब गॉटियर से पश्चिमी देशों में भारत में हिंदुत्व के बढ़ते प्रभाव को लेकर की जाने वाले नकारात्मक रिपोर्टिंग के विषय में पूछा गया तो उन्होंने इसे बकवास बताया।
गॉटियर ने कहा, “यह बेवकूफी है। हिन्दू विश्व में सबसे सहिष्णु लोग हैं। आज भी हम यह देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी समुदायों- हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई का ध्यान रखते हैं। इसलिए जो भी यह कहता है कि हिंदुत्व के माध्यम से चरमपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह इस महान धर्म को अपमानित कर रहा है।”