अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान भारत से जुड़ी अपनी कुछ यादों का जिक्र किया और देश का गुणगान किया। कमला हैरिस ने कहा कि भारत के इतिहास और शिक्षाओं ने दुनिया को प्रभावित और आकार दिया है। देश ने अपने दर्शन के माध्यम से लाखों लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उनके जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है और वह गहराई से इस देश से जुड़ी हुई हैं।
भारत का इतिहास और शिक्षा ने न केवल मुझ पर बल्कि पूरी दुनिया पर प्रभाव डाला है। भारत ने दुनिया के करोड़ों लोगों को प्रेरित किया चाहे फिर वह दर्शनशास्र से हो या फिर सविनय अवज्ञा या फिर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता हो। अमेरिका की उपराष्ट्रपति होने के नाते मैं कई देशो में गई हूं और… pic.twitter.com/mtkcwoainW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2023
भारत ने दुनिया के लाखों लोगों को प्रेरित किया
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा पीएम मोदी के सम्मान में आयोजित दोपहर के भोजन में अपने संबोधन में कमला हैरिस ने कहा, “भारत और भारत के इतिहास और शिक्षाओं ने न केवल मुझे प्रभावित किया है, बल्कि उन्होंने निश्चित रूप से पूरे विश्व को आकार दिया है। पूरे इतिहास में, भारत ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है, चाहे दर्शन और धर्मशास्त्र के माध्यम से या लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से।”
बचपन की यादों को किया साझा
इस दौरान कमला हैरिस ने अपने बचपन की यात्रा को याद किया, जब वह भारत आई थीं। उन्होंने कहा, “जब मेरी बहन माया और मैं बड़े हो रहे थे, तो हमारी मां हमें लगभग हर दूसरे साल भारत ले जाती थी। उन यात्राओं के कई उद्देश्य थे, जिनमें यह भी शामिल था कि हम अच्छी तरह से समझ सकें कि वह कहा से आई थी, ताकि हम अपने नाना-नानी, अपने मामा-मामी के साथ समय बिता सकें।”
अपने नाना के बेहद करीब थी कमला हैरिस
हैरिस ने कहा, “हमने अपने नाना-नानी से मिलने के लिए उस जगह की यात्रा की, जिसे उस समय मद्रास कहा जाता था। वास्तव में मेरे नाना मेरी जिंदगी के सबसे अहम लोगों में से एक थे। हम बचपन में एक-दूसरे के मित्र थे।” हैरिस ने कहा कि उनके नाना का उनके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव था।
कमला हैरिस ने कहा, “मैं सबसे बड़ी पोती थी और इसलिए जैसा कि मुझे यकीन है कि आप में से कई लोग जानते होंगे कि सबसे बड़ा होना कितना महत्व रखता है। हालांकि, मेरे नानाजी हम सभी भाई-बहनों से बराबर प्यार करते थे, लेकिन मैं अपने परिवार की अकेली ऐसी बच्ची थी, जिसे नानाजी अपने सुबह की दिनचर्या में शामिल होने की अनुमति देते थे।”
उपराष्ट्रपति ने कहा, “जब हम बच्चे थे, तब तक मेरे नानाजी एक सिविल सेवक के पद से रिटायर हो चुके थे। इस कारण उनकी सुबह की दिनचर्या का सबसे पहला काम अपने रिटायर दोस्तों के साथ समुद्र तट पर लंबी सैर करना था। मैं इन यात्राओं पर अपने नानाजी का हाथ पकड़ती थी और उनकी और उनके दोस्तों की बातें ध्यान से सुनती थी।”
कमला हैरिस ने कहा, “मैं स्वतंत्रता सेनानियों और देश के संस्थापक नायकों और भारत की आजादी के बारे में कहानियों को समझती थी और याद करती हूं। मुझे याद है कि वे किसी की आस्था या जाति की परवाह किए बिना भ्रष्टाचार से लड़ने और समानता के लिए लड़ने के महत्व के बारे में बात करते थे।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि छोटी उम्र में अपने नाना के साथ बातचीत ने उनकी सोच को प्रभावित किया।
लोकतंत्र के लिए सबक सिखाया
उपराष्ट्रपति ने कहा, “मुझे याद है कि मेरे नानाजी ने मुझे न केवल लोकतंत्र का मतलब क्या है यह बताया, बल्कि लोकतंत्र को बनाए रखने के बारे में भी सबक सिखाया था। मेरा मानना है कि ये सबक हैं, जो मैंने बहुत कम उम्र में सीखे थे, जिन्होंने पहली बार जनता की सेवा करने के लिए मेरी रुचि को प्रेरित किया था। मैं अब पीछे मुड़कर देखती हूं और मुझे पूरी तरह से एहसास होता है कि उन बातों ने मुझ पर और मेरी सोच पर कितना प्रभाव डाला और तब से उन्होंने मेरा मार्गदर्शन कैसे किया है।”
पीएम मोदी ने किया धन्यवाद
हैरिस ने 21वीं सदी में भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद करने के लिए मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “आपने क्वाड को फिर से मजबूत करने में मदद की है। जी 20 का आपका नेतृत्व जलवायु वित्त पर नई प्रगति कर रहा है और आप अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और वैश्विक चुनौतियों के वैश्विक समाधान के समर्थक रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "मैं अमेरिकी विदेश विभाग में एक लंच में शामिल हुआ जहां मुझे अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और विभिन्न क्षेत्रों के कई अन्य प्रतिष्ठित लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।'' pic.twitter.com/61HlCaTGu7
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