सीरिया में युद्ध के बीच फंसे चार भारतीय नागरिक वापस आ चुके हैं। भारतीय दूतावास ने उन्हें सीरिया से बाहर निकाला और दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचाया। देश लौटने के बाद इन नागरिकों ने सीरिया के हालात बयां किए हैं। आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचे एक भारतीय नागरिक ने कहा “मैं 15-20 दिन पहले वहां गया था। भारतीय दूतावास ने हमें निकाला। पहले हम लेबनान गए फिर दोहा और आज हम दिल्ली पहुंच गए हैं। हमें खुशी है कि हम अपने देश पहुंच गए हैं। भारतीय दूतावास ने हमारी बहुत मदद की।”
सीरिया में चल रहे राजनीतिक और सैन्य संकट के बीच भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी भारत की सरकार और भारतीय दूतावास के प्रभावी कूटनीतिक प्रयासों का परिणाम है। हाल ही में चार भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से भारत लाया गया, जिनमें से एक ने दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने अनुभव साझा किए। उनके अनुसार, भारतीय दूतावास ने उन्हें सीरिया से निकालने में अत्यधिक मदद की।
#WATCH | Delhi: "….we contacted our embassy and they called us to Damascus, we stayed there for 2-3 days, then we were taken to Beirut…the situation there is very serious. Every day we heard the sounds of rockets and bullets. The embassy helped us a lot and provided all the… https://t.co/3bWZTuPMbq pic.twitter.com/9RRri3rZaM
— ANI (@ANI) December 14, 2024
कैसे हुआ निकासी अभियान?
भारतीय दूतावास ने इन नागरिकों को पहले लेबनान भेजा, फिर दोहा होते हुए उन्हें दिल्ली लाया गया। यह प्रक्रिया जटिल लेकिन तेजी से की गई, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि भारतीय नागरिक बिना किसी और जोखिम के अपने देश लौट सकें।
सीरिया के हालात:
- राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का तख्तापलट हो चुका है।
- विद्रोही गुटों ने राजधानी दमिश्क सहित कई प्रमुख शहरों और कस्बों पर नियंत्रण कर लिया है।
- इन हालातों ने सीरिया को गहरे संकट में डाल दिया है, जिससे वहां रह रहे विदेशी नागरिकों, खासकर भारतीयों, के लिए हालात बेहद खतरनाक हो गए।
भारत का बचाव अभियान:
- अब तक भारत ने सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला है।
- विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने तेजी से कदम उठाते हुए उन सभी नागरिकों को निकालने का प्रबंध किया, जो इन परिस्थितियों के बीच घर लौटना चाहते थे।
- इस सफल निकासी के लिए भारतीय अधिकारियों और स्थानीय संपर्कों की भूमिका बेहद अहम रही।
नागरिकों की प्रतिक्रिया:
वापस लौटे नागरिकों ने भारतीय दूतावास और सरकार की सराहना की। एक नागरिक ने कहा, “हमें खुशी है कि हम अपने देश लौट आए हैं। भारतीय दूतावास ने हमें सुरक्षित निकालने में हरसंभव मदद की।”
यह घटना भारत की कूटनीतिक दक्षता और अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। संकटग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के ऐसे प्रयास वैश्विक मंच पर भारत की छवि को और मजबूत करते हैं।
कैसे हैं सीरिया के हालात?
सीरिया से वापस लौटे एक भारतीय नागरिक ने दिल्ली एयरपोर्ट पर कहा “हमने अपने दूतावास से संपर्क किया और उन्होंने हमें दमिश्क बुलाया, हम वहां 2-3 दिन रहे, फिर हमें बेरूत ले जाया गया। वहां स्थिति बहुत गंभीर है। हर दिन हमें रॉकेट और गोलियों की आवाजें सुनाई देती थीं। दूतावास ने हमारी बहुत मदद की और सभी सुविधाएं मुहैया कराईं।”
सीरिया में असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत
विद्रोहियों ने सीरिया में कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क पर भी नियंत्रण कर लिया था। विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) द्वारा दमिश्क पर नियंत्रण कर लिए जाने के बाद असद देश छोड़कर भाग गए, जिससे उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया। रूस की सरकारी मीडिया ने बताया कि असद मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी जाएगी। उनके लगभग 14 साल के कार्यकाल में गृहयुद्ध, रक्तपात और उनके राजनीतिक विरोधियों पर क्रूर दमन की घटनाएं हुईं।