भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ दी है। रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने की बात कही है। विवेक रामास्वामी ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का एलान किया। इस दौरान रामास्वामी ने कहा कि मेरे लिए अब कोई रास्ता नहीं बचा है। दरअसल 15 जनवरी को रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए पहली कॉकस का आयोजन हुआ था। यह कॉकस आयोवा में हुई थी और इसमें डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है।
विवेक रामास्वामी के ‘‘सेव ट्रंप, वोट विवेक”अभियान से नाराज थे ट्रंप
वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में अपने प्रतिद्वंद्वी विवेक रामास्वामी की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी. इस साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए ट्रंप को रामास्वामी कड़ी टक्कर दे रहे हैं. ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारतीय अमेरिकी उद्यमी नामांकन हासिल करने के लिए ‘‘कपटपूर्ण अभियान के हथकंडे” अपना रहे हैं. ट्रंप की यह टिप्पणी सोमवार को आयोवा कॉकस (पार्टी की होने वाली बैठक में उम्मीदवार को लेकर सदस्यों के विचार करने) होने से पहले आई थी. यह राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने के लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी में चलने वाली लंबी प्रक्रिया की शुरुआत है.
पूर्व राष्ट्रपति की यह टिप्पणी रामास्वामी (38) द्वारा कई टिप्पणी और पोस्ट किए जाने के बाद आई है. रामास्वामी की टिप्पणी से ट्रंप और उनकी टीम नाराज है. रामास्वामी के अभियान के दौरान लोगों द्वारा पहनी जाने वाली टी-शर्ट पर लिखे नारे से ट्रंप खासे नाराज थे. टी शर्ट पर लिखा था, ‘‘सेव ट्रंप, वोट विवेक” (ट्रंप को बचाओ, विवेक को वोट दो) रामास्वामी ने शनिवार को आयोवा के रॉक रैपिड्स में अपने कार्यक्रम के बाद युवाओं के एक समूह के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसने पूर्व राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित किया था.
क्यों चर्चा में आए थे विवेक रामास्वामी?
विवेक रामास्वामी ने कहा था कि अगर वे देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेज देंगे. उन्होंने दो टूक कहा था कि अमेरिका में जो भी गैरकानूनी रूप से रह रहा है, उन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. उन्हें उनके देश भेजा जाएगा. हम इन अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. साथ ही उनके बच्चों की नागरिकता भी खत्म करेंगे.
रामास्वामी इमीग्रेशन पर अपने कड़े विचारों और अमेरिका फर्स्ट की अपनी नीति के चलते मतदाताओं के बीच थोड़े ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि अब रामास्वामी राष्ट्रपति पद की रेस में बुरी तरह से पिछड़ रहे थे। आयोवा कॉकस में भी रामास्वामी चौथे स्थान पर रहे और उन्हें महज 7.7 फीसदी वोट ही मिले।
ट्रंप ने रामास्वामी को बताया था ‘कपटी’
विवेक रामास्वामी एक अरबपति बिजनेसमैन हैं और एक बायोटेक कंपनी के प्रमुख हैं। रामास्वामी के माता-पिता भारत के केरल के निवासी थे, जो अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो प्रांत में हुआ। चुनाव प्रचार के शुरुआती चरण में विवेक रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और खुद को ट्रंप का करीबी दिखाने की कोशिश की। ट्रंप ने भी रामास्वामी का समर्थन किया था। हालांकि बीते दिनों रामास्वामी के प्रचार अभियान टीम की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इंटरनेट पर सिलसिलेवार पोस्ट किए गए, जिनसे डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम नाराज हो गई। इसके बाद ट्रंप ने भी रामास्वामी को कपटी करार देकर उनकी तीखी आलोचना की थी।
रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की रेस में अब बचे हैं ये तीन लोग
विवेक रामास्वामी के इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी से हटने के बाद अब इस रेस में डोनाल्ड ट्रंप के अलावा निक्की हेली और रोन देसांतिस ही बचे हैं। विवेक रामास्वामी इन तीनों से पीछे चल रहे थे और अब आयोवा कॉकस के नतीजों में पिछड़ने के बाद विवेक रामास्वामी ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है। विवेक रामास्वामी अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में अंजान चेहरा थे, लेकिन फरवरी 2023 में अपनी उम्मीदवारी के एलान के बाद विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन मतदाताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
रामास्वामी इमीग्रेशन पर अपने कड़े विचारों और अमेरिका फर्स्ट की अपनी नीति के चलते मतदाताओं के बीच थोड़े ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि अब रामास्वामी राष्ट्रपति पद की रेस में बुरी तरह से पिछड़ रहे थे। आयोवा कॉकस में भी रामास्वामी चौथे स्थान पर रहे और उन्हें महज 7.7 फीसदी वोट ही मिले।
ट्रंप ने रामास्वामी को बताया था ‘कपटी’
विवेक रामास्वामी एक अरबपति बिजनेसमैन हैं और एक बायोटेक कंपनी के प्रमुख हैं। रामास्वामी के माता-पिता भारत के केरल के निवासी थे, जो अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो प्रांत में हुआ। चुनाव प्रचार के शुरुआती चरण में विवेक रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और खुद को ट्रंप का करीबी दिखाने की कोशिश की। ट्रंप ने भी रामास्वामी का समर्थन किया था। हालांकि बीते दिनों रामास्वामी के प्रचार अभियान टीम की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इंटरनेट पर सिलसिलेवार पोस्ट किए गए, जिनसे डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम नाराज हो गई। इसके बाद ट्रंप ने भी रामास्वामी को कपटी करार देकर उनकी तीखी आलोचना की थी।