ज्योति मल्होत्रा जासूसी मामला: पाक खुफिया नेटवर्क से जुड़ाव के गंभीर सबूत मिले, 12 टीबी डेटा की जांच से खुलासा
चंडीगढ़/हिसार – यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद सामने आ रहा है कि वह सिर्फ सोशल मीडिया की एक सामान्य हस्ती नहीं, बल्कि एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बन चुकी थीं। हिसार पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि ज्योति का संपर्क पाकिस्तान के चार खुफिया एजेंटों से था और वह पूरी तरह से जानती थीं कि ये एजेंट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI या पाक फौज से जुड़े हैं।
अब तक की जांच में क्या सामने आया है?
पहलू | जानकारी |
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गिरफ्तारी की तारीख | 16 मई 2025, हिसार (हरियाणा) |
बरामद डिजिटल डेटा | 12 टेराबाइट – मोबाइल व लैपटॉप से |
बातचीत का स्वरूप | One-to-One संपर्क, सीधे पाक एजेंटों से संवाद |
एजेंटों के नाम | दानिश, एहसान अली, शाहिद, चौथे की पहचान जारी |
संभावित जुर्म की धाराएं | ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, IPC की देशद्रोह व जासूसी धाराएं, साथ ही IT अधिनियम |
ज्योति जानती थीं कि वे किससे संपर्क में हैं
जांच में स्पष्ट हो चुका है कि:
- ज्योति को यह स्पष्ट जानकारी थी कि वे पाकिस्तानी खुफिया तंत्र से जुड़ी हुई हैं।
- फिर भी वह लगातार सूचना का आदान-प्रदान करती रही।
- डेटा में कुछ संवेदनशील रक्षा स्थलों और सैन्य गतिविधियों की जानकारी भी मिली है।
मनी ट्रेल और पाक में VIP ट्रीटमेंट की जांच
जांच एजेंसियां अब ज्योति के बैंक अकाउंट्स, डिजिटल वॉलेट और विदेश यात्राओं की फंडिंग की जांच कर रही हैं। एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि:
- ज्योति जब पाकिस्तान में लाहौर गईं, तो उन्हें VIP ट्रीटमेंट मिला।
- अनारकली मार्केट में उनके साथ सुरक्षा में तैनात लोग AK-47 जैसे हथियारों से लैस थे।
- सवाल उठता है कि पाकिस्तान में किसी आम यूट्यूबर को यह स्तर की सुरक्षा क्यों और किसके कहने पर मिली?
अब जांच का अगला चरण क्या होगा?
- एजेंट्स की पहचान और रैंक – ISI या पाक सेना में किस पद पर थे?
- डिजिटल फॉरेंसिक रिपोर्ट – क्या संवेदनशील भारतीय डेटा लीक हुआ?
- मनी ट्रेल – क्या ज्योति को ISI से फंडिंग मिल रही थी?
- भारत में और कौन-कौन शामिल? – क्या यह एक बड़ा नेटवर्क है?
निष्कर्ष: गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती
यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि यह इंगित करता है कि पाकिस्तानी एजेंसियां भारत में सोशल मीडिया के जरिए सूचनाएं जुटाने के लिए गहराई से सक्रिय हैं। ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया की आड़ में कुछ लोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं।