हाल ही में एक खबर आई है कि फिलिस्तीन का इस्लामी आतंकी संगठन हमास (Palestine’s Islamic Terrorist Organisation Hamas) के हमले में इजरायल के 4 बदू मुस्लिम (Bedouin Muslims) सैनिक मारे गए हैं। हमास ने बड़ी संख्या में बदू मुस्लिम सैनिकों और नागरिकों को बंधक बनाया है और उन्हें अपने साथ गाजा ले गए हैं। बदू मुस्लिमों को बदुईन या बदावी भी कहा जाता है।
अब प्रश्न उठा है कि आखिर मुस्लिम होने के बाद भी हमास इन्हें निशाना क्यों बना रहा है। सवाल ये भी पूछा जा सकता है कि बदू मुस्लिम इजरायल की सेना में क्यों शामिल हैं और उसकी तरफ से क्यों लड़ रहे हैं? यह बदू समुदाय कौन है और आखिर इसकी वर्तमान में स्थिति क्या है?
बदू असल में इजरायल के दक्षिणी हिस्से में फैले नेगेव रेगिस्तान का एक घुमंतू समुदाय है। अरबी भाषा में बदू का मतलब घुमंतू होता है। यह मुख्यतः फिलिस्तीनी अरबी समाज है, जिसका खेती और पशुपालन मुख्य पेशा रहा है। ये काफी मजबूत और ईमानदार माने जाते हैं। अरबी मुस्लिम समाज से इनका खास वास्ता नहीं होता।
इनके बारे में कहा जाता है कि ये रहस्यमयी प्रकृति के होते हैं और अपने बारे में बात करना या जानकारी साझा करना पसंद नहीं करते हैं। यही कारण है कि इजरायल के निर्माण के शुरुआत से ही ये वहाँ की सेना के लिए खुफिया जानकारियाँ देते आ रहे हैं। इन्हें शारीरिक ही नहीं, दिमागी तौर पर भी बेहद मजबूत माना जाता है।
बदू मुस्लिमों के बारे में कहा जाता है कि रेगिस्तान में रहने के कारण वे रेत पर पाँव के निशान देखकर बता सकते हैं कि गुजरने वाला शख्स पुरुष था या महिला। इतना ही नहीं, तेज आँधी में भी ये लोग सटीक निशाना लगा सकते हैं। ये समुदाय बाज पालता है और उसका कई तरह से इस्तेमाल करता है।
16वीं सदी में तुर्की के सुल्तान ने इजरायल पर कब्जा कर लिया तो वहाँ के लोगों को अपनी सुरक्षा की चिंता होने लगी। इसके बाद यहूदियों ने उन्हें अपनी सुरक्षा में तैनात करना शुरू कर दिया। इजरायल के निर्माण के समय भी बदू मुस्लिमों ने इस्लामी देशों के रवैये के खिलाफ जाकर इजरायल का समर्थन किया था और उसकी मदद की थी।
बदू मुस्लिम इजरायल में इसके निर्माण के समय से ही रहते आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में इजरायल में लगभग 2 लाख बदू मुस्लिम रहते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में बदू दक्षिणी इजरायल में रहते हैं, जहाँ इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को बर्बर हमला किया था।
हमास के आतंकी हमले में अब तक 19 बदू मुस्लिम मारे जा चुके हैं। बदू इजरायल की सेना के साथ भी जुड़े हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि इजरायल अन्य फिलिस्तीनियों को अपनी सेना में भर्ती नहीं करता है। वहीं, बदू समुदाय को सेना में शामिल किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बदू समुदाय ने इजरायल के निर्माण के समय इजरायली सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण ख़ुफ़िया जानकारी जुटा कर दी थी। इनको चरवाहा होने के कारण इलाके की अच्छी भौगोलिक जानकारी थी। यह रेगिस्तान में रहने वाली जनजाति होने के कारण इजरायल के नेगेव और सिनाई जैसे इलाकों की अच्छी जानकारी रखते हैं।
बदू समुदाय को रेगिस्तान की जिन्दगी से निकाल कर इजरायल ने साल 1965 में उन्हें शहरों की कॉलोनियों में बसाया था। इस तरह वे मॉडर्न जिन्दगी को जान सके। बदू मात्र इजरायल में ही नहीं, बल्कि अन्य अरब देशों में भी रहते हैं। सऊदी अरब, इराक, जॉर्डन, अल्जीरिया, सूडान, सीरिया जैसे देशों में इनकी बड़ी आबादी है।
इजरायल के भीतर बदू समुदाय की सेवाओं का काफी सम्मान किया जाता है। इजरायल में 154 बदू सैनिकों की याद में एक स्मारक भी बनाया गया है। यहाँ इनके परिवार वाले इन्हें श्रृद्धांजलि देने के लिए पहुँचते हैं। इसे मेमोरियल ऑफ़ ब्रोकन हर्ट्स कहा जाता है।
एक रिपोर्ट बताती है कि हर वर्ष लगभग 450 बदू इजरायली सेना में अपनी सेवाएँ देने के लिए आते हैं। हालाँकि, इन्हें इजरायल के अन्य यहूदियों की तरह अनिवार्य मिलिट्री ट्रेंनिंग से छूट है। यह स्वयं की इच्छा पर सेना में आते हैं। पूरी दुनिया में बदू मुस्लिमों की संख्या लगभग 40 लाख है और इनमें से अधिकांश इस्लाम के सुन्नी तबके से ताल्लुक रखते हैं।