मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी और संसद में सबसे बड़ी पार्प्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है। एमडीपी ने मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को पेश करने के लिए जरूरी हस्ताक्षर भी जमा कर लिए हैं। यह मालदीव की संसद में चीन समर्थक मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों की मंजूरी पर मतभेदों को लेकर सरकार समर्थक सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच झड़प होने के बाद हुआ है। महाभियोग प्रस्ताव पेश होने पर मुइज्जू की कुर्सी पर भी संकट है क्योंकि संसद में संख्याबल के हिसाब से उनकी पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। मालदीव के इस घटनाक्रम ने आने वाले दिनों में स्थानीय राजनीति में उबाल आ सकता है। मालदीव की राजनीति पर उसके पड़ोसी देशों की भी नजरें लगी हैं। भारत भी अपने दक्षिणी पड़ोसी के इस राजनीतिक घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है कि मुइज्जू की कुर्सी बचेगी या जाएगी।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एमडीपी ने अन्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स के साथ साझेदारी में महाभियोग प्रस्ताव के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। मालदीव की संसद में सदस्यों की संख्या 87 है। इनमें से एमडीपी और डेमोक्रेट्स के पास कुल मिलाकर 56 सांसद हैं, इसमें एमडीपी के 43 सांसद और डेमोक्रेट के 13 सांसद है। मालदीव के संविधान के अनुसार, मालदीव के राष्ट्रपति को हटाने के लिए मजलिस के एक तिहाई सदस्यों द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव की आवश्यकता होती है, जिसमें हटाने के कारण बताए जाते हैं। इसके बाद प्रस्ताव को संसद की कुल सदस्यता के दो-तिहाई लोगों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए। राष्ट्रपति पर 56 मतों से महाभियोग चलाया जा सकता है।
संसद में हुआ जमकर हंगामा
रविवार को मुख्य विपक्षी एमडीपी ने कैबिनेट पर मतदान से पहले राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों के लिए संसदीय मंजूरी रोकने का फैसला किया। इसके बाद संसद में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी एमडीपी और डेमोक्रेट संसदीय के फैसले के विरोध में सत्तारूढ़ पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस गठबंधन से सांसदों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। इससे संसंद में ना सिर्फ हंगामा हुआ बल्कि जमकर लात घूंसे भी चले।